डेंगू की उपचार पद्धति खोजने के निकट पहुंचे वैज्ञानिक

डेंगू की उपचार पद्धति खोजने के निकट पहुंचे वैज्ञानिक

डेंगू की उपचार पद्धति खोजने के निकट पहुंचे वैज्ञानिकवाशिंगटन : अनुसंधानकर्ता प्रतिकारकों की मदद से डेंगू के उपचार की एक नई पद्धति विकसित करने के थोड़ा और करीब पहुंच गए हैं। मेसाच्युसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान में एकीकृत कैंसर शोध के कॉच संस्थान के वैज्ञानिकों ने बताया कि विश्व की करीब आधी जनसंख्या को डेंगू विषाणु के संक्रमण का खतरा है। इसके बावजूद इस बीमारी का कोई निश्चित उपचार नहीं खोजा गया है।

इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए टीके का विकास करना चुनौतीपूर्ण रहा है क्योंकि डेंगू किसी एक नहीं अपितु चार अलग अलग विषाणुओं के कारण होता है। डेंगू को काबू करने के लिए प्रत्येक विषाणु को टीके से प्रभावहीन करना जरूरी है। एमआईटी में बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग के प्रो. राम शशिशेखरन ने बताया कि यदि लोगों को किसी एक विषाणु या चारों में से कुछ विषाणुओं से ही बचाया जाता है और बाद में यदि वे उस विषाणु का शिकार हो जाते हैं जिसके लिए उन्हें रक्षा प्रदान नहीं की गई तो डेंगू और घातक रूप धारण कर सकता है।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘हमारे अनुसंधान की प्रेरणा यही थी कि ऐसा रोग प्रतिकारक विकसित किया जाए जो चारों विषाणुओं के खिलाफ काम करे।’ डेंगू के लिए रोग प्रतिकारक उपचार पद्धति विकसित करने के लिए विषाणु के एनवलप प्रोटीन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। शशिशेखरन ने कहा, ‘यह काफी जटिल प्रोटीन है जो विषाणु को मरीज तक पहुंचने, उसे संक्रमित करने और फैलने में मदद करता है।’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 9, 2013, 16:17

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