‘द रिवर’ आकाशगंगा में 30 वर्षों में दो महाविस्फोट

‘द रिवर’ आकाशगंगा में 30 वर्षों में दो महाविस्फोट


लंदन : पृथ्वी से करीब छह करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित आकाशगंगा ‘द रिवर’ से मिली नई तस्वीरों से पता चलता है कि पिछले 30 वषरें में इस आकाशगंगा में दो महाविस्फोट हुए हैं। अभी तक इस आकाशगंगा को काफी शांत माना जाता था।

खगोलशास्त्रियों के हवाले से कहा है कि ‘द रिवर’ या ‘एनजीसी 1187’ नामक इस आकाशगंगा की खोज वर्ष 1784 में पहली बार विलियम हरशेल ने की थी। इस आकशगंगा में पिछले 30 वषरें में दो महाविस्फोट हुए हैं जो इसके शांत रहने के सिद्धांत के खिलाफ है।

महाविस्फोट एक विशलकाय तारे के जीवन के अंत में होता है जब उसके नाभिक में ईंधन समाप्त हो जाता है और गुरूत्वाकषर्ण के कारण उसमें विस्फोट होता है। इस पीले और नीले रंग की आकाशगंगा में वैज्ञानिकों को अभी भी वर्ष 2007 में हुए महाविस्फोट के निशान दिख रहे हैं। अब भी लाल रंग के निशान नजर आ रहे हैं।

यूरोपियन साउदर्न ऑब्जर्वेटरी के वैज्ञानिकों का कहना है कि करीब आधा दर्जन सर्पिलाकार बाहें देखी जा सकती हैं। सभी में बड़ी मात्रा में गैस और धूल मौजूद हैं। (एजेंसी)

First Published: Friday, August 3, 2012, 09:05

comments powered by Disqus