Last Updated: Sunday, April 29, 2012, 10:32
लंदन : दिल का दौरा और हृदय संबंधी अन्य जटिलताओं पर फतह पाने के लिए अगले सप्ताह दिल को सिकोड़ने वाला विश्व का पहला प्रयोग होगा।
लिवरपूल हार्ट एंड चेस्ट हॉस्पिटल और द रॉयल लिवरपूल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की एक टीम का कहना है कि इस तकनीक में बिजली से मिलने वाली उर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे उम्मीद है कि दिल को सिकोड़ने में मदद मिलेगी और मानव का जीवन काल बढाने में सफलता मिलेगी। ‘बीबीसी’ के मुताबिक, चूहों और कुत्तों पर इस तकनीक के सफल प्रयोग के बाद अगले सप्ताह किसी मानव पर यह पहला प्रयोग होगा। जिन जंतुओं पर इसका प्रयोग हुआ वे लंबे समय तक जीवित रहे।
दिल में रक्त को प्रवाहित करने की क्षमता में कमी आती है और इसमें खून भरता जाता है और कुछ समय तक वह खिंच सा जाता है। दिल का आकार जितना बड़ा होता है मुश्किलें भी उतनी ही बढती जाती है। सर्जन पेसमेकर की तरह का ही एक यंत्र वेगास नस लगाने वाले हैं। यह नस हृदय से जुड़ी होती है। उनका कहना है कि बिजली से मिलने वाली उर्जा से दिल को एड्रेनैलिन से होने वाले प्रभाव के प्रति सुरक्षा मिलेगी।
एड्रेनैलिन हार्मोन से हृदय तेजी से और जोर से धड़कने (पंप करने) लगता है। जब दिल ठीक से काम नहीं करता है तो वह इसी तरह की प्रतिक्रिया देता है। लेकिन, डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक ऐसा होना नुकसानदेह हो सकता है। नए प्रयोग से हृदय को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी और यह सिकुड़ने लगेगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 29, 2012, 17:38