Last Updated: Sunday, March 25, 2012, 10:36
लंदन : टूटा हुआ दिल आपकी जान भी ले सकता है क्योंकि एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि सदमाग्रस्त लोगों को बैक्टीरिया का संक्रमण होने की आशंका अधिक होती है।
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि जिसे आप बहुत ज्यादा चाहते हैं, उसे खोने पर होने वाला भावनात्मक तनाव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है जिसकी वजह से संक्रमण से बचाव की प्रणाली कमजोर हो जाती है।
संडे टेलीग्राफ में प्रकाशित खबर के अनुसार, बर्मिंघम विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि दुखी होने पर तनाव का स्तर और अवसाद में वृद्धि हो जाती है जिससे सीधे सीधे श्वेत रक्त कोशिकाओं की कार्य क्षमता प्रभावित होती है। श्वेत रक्त कोशिकाएं न्यूट्रोफिल कहलाती हैं और बैक्टीरिया से होने वाले न्यूमोनिया जैसे संक्रमण का मुकाबला करती हैं।
अध्ययन के अनुसार, बुजुर्गों में दिल टूटने पर संक्रमण का खतरा अधिक होता है क्योंकि इसके दुष्प्रभावों से निपटने वाले हार्मोन की उत्पादन क्षमता उम्र बढ़ने के साथ साथ क्षीण होती जाती है।
अध्ययन की अगुवाई करने वाले प्रोफेसर जेनेट लॉर्ड ने कहा ‘करीब 40 साल तक वैवाहिक जीवन बिता चुके जोड़े में से अगर एक का निधन हो जाए तो अक्सर ऐसा होता है कि कुछ दिनों बाद दूसरे की भी मृत्यु हो जाती है। प्रतीत होता है कि इसका एक जीववैज्ञानिक आधार है।’
उन्होंने कहा ‘उनकी मौत दिल टूटने की वजह से नहीं बल्कि प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की वजह से होती है क्योंकि ऐसा होने पर उन्हें कई तरह का संक्रमण हो जाता है।’ अनुसंधानकर्ताओं ने 65 साल और उससे अधिक उम्र के 48 स्वस्थ वयस्कों की प्रतिरोधक प्रणाली एवं हार्मोन स्तर के विश्लेषण के बाद यह निष्कर्ष निकाला। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 25, 2012, 16:06