Last Updated: Saturday, December 31, 2011, 03:15
लंदन: वैज्ञानिकों ने यह जानने में सफलता हासिल कर ली है कि हमारी नाक 350 तरह के अभिग्राहकों के साथ एक समान और विभिन्न गंधों की पहचान किस तरह करती है। जर्मनी के बोचम शहर में स्थ्ति रूहर यूनिवर्सिटी (आरयूबी) के सेल फिजियोलॉजिस्ट लिएन गेलिस ने कहा कि अभिग्राहक एक दरवाजे पर ताले के समान है, जो सिर्फ सही चाबी से ही खुलते हैं।
कम्प्यूटर अनुकरण का उपयोग कर आरयूबी टीम यह पूर्वानूमान लगाने में सक्षम हुई कि गंध के अणु किसी विशेष अभिग्राहक को सक्रिय करते हैं या नहीं।
विश्वविद्यालय के एक बयान के अनुसार आरयूबी में बायोफिजिक्स के प्रोफेसर स्टेफेन वोल्फ और केलॉस गेरवेर्ट ने इस उलझन को खत्म करने के लिए खुबानी की गंध के लिए मानव घ्राण अभिग्राहक(मन ओल्फैक्टरी रेसेप्टोर) के कम्प्यूटर मॉडल की रचना की।
इस मॉडल से वे निश्चित करना चाहते थे कि ये अभिग्राहक खुबानी की सुगंध को पहचानते हैं या नहीं। इस तरह से वैज्ञानिकों ने दिखाया कि खुबानी के सुगंध सिर्फ अपने अभिग्राहकों को सक्रिय करती है।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, December 31, 2011, 08:45