Last Updated: Tuesday, October 23, 2012, 10:33

वाशिंगटन : चमकीले रंग की मछली भौतिकी के सिद्धांत को विक्षेपित करते हुए एक दृष्टिभ्रम का इस्तेमाल करती है, जिससे वह परभक्षियों को दिखाई नहीं देती। अनुसंधानकर्ताओं ने समझाया कि परावर्तक सतह प्रकाश को केंद्रित करती हैं। मछुआरे या छायाकार इसका मुकाबला करने के लिए विशेष चश्मों या फिल्टर का इस्तेमाल करते हैं।
ब्रिस्टल यूनीवर्सिटी के टॉम जार्डन और जूलियन पार्टिरिज ने हालांकि पाया कि हेर्रिंग, सारडीन्स और स्प्राट जैसी चमकीली रंग की मछलियां ने परावर्तन के इस नियम से पार पा लिया है। डिस्कवरी न्यूज के अनुसार मछली की खाल में कई सतह के परावर्तक गुआनिन क्रिस्टल होते हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि सार्डिंस और हेरिंग मछलियों की खाल में एक नहीं बल्कि दो तरह के गुआनिन क्रिस्टल होते हैं। इन दोनों तरह के परतों के मिश्रण से मछली की खाल प्रकाश को केंद्रित नहीं करती और उसके उच्च परावर्तन को बरकरार रखती है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 23, 2012, 10:33