पाषाण काल के ब्रिटिशर्स ने सबसे पहले समझी थी समय की कीमत

पाषाण काल के ब्रिटिशर्स ने सबसे पहले समझी थी समय की कीमत

पाषाण काल के ब्रिटिशर्स ने सबसे पहले समझी थी समय की कीमत लंदन : पूरी दुनिया में ब्रिटिश लोग समय की पाबंदी के लिए जाने जाते हैं। पुरात्वविदें ने अपनी खोज में पाया है कि स्कॉटलैंड के प्रागैतिहासिक काल के शिकार पर निर्भर रहने वाले आदिवासियों को सभ्‍यता की दौड़ में देर से शामिल होने वालों के तौर पर देखा जाता है लेकिन वे पहले ऐसे इंसान थे जिन्होंने समय के महत्व को समझा था और उसे एक व्यवस्थागत रूप देने का प्रयास किया।

खोज में पाया गया है कि इन आदिवासी लोगों ने पहली बार एक विशाल ‘वर्ष घड़ी’ बनायी थी जो चंद्र मासों के गुजरने पर नजर रखती थी और इससे मौसम में आने वाले बदलावों का रिकार्ड रखा जाता था। इसके आधार पर उन्होंने अपनी खाद्य आपूर्ति व्यवस्था में बदलाव किए।

एबेरदीनशायर में बानकोरी के समीप इस प्रकार का एक ढांचा पाया गया है जो दस हजार साल पुराना है जिसका मतलब यह है कि यह मकदूनियावासियों द्वारा पांच हजार साल पहले कैलेंडर व्यवस्था को स्थापित किए जाने से भी काफी पहले का है। मकदूनियावासियों की कैलेंडर व्यवस्था को दुनिया की सबसे प्राचीन समय प्रणाली माना जाता है।

बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में लैंडस्केप आर्कियोलॉजी के प्रोफेसर विंसेंट गैफ्नी ने बताया कि समय की अवधारणा तैयार करना और उसका माप करना मानव समाजों की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है। और यह मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण है कि मानव सभ्‍यता ने कैसे समय का ‘सृजन’ किया क्योंकि समाज के विकास को समझने में यह काफी अहम रखता है। उनके टीम के सदस्यों ने वारेन फील्ड में एक स्थल का निरीक्षण किया जहां पूर्व में की गई खुदाई में पता चला था कि यह मध्य पाषाण युग के शिकारी आदिवासियों का घर रहा था। (एजेंसी)

First Published: Monday, July 15, 2013, 13:44

comments powered by Disqus