Last Updated: Tuesday, January 31, 2012, 16:18

वाशिंगटन : बच्चे के लालन-पालन में मां का प्यार बेहद अहम होता है और इसकी पुष्टि अमेरिका में हुए हाल के एक शोध से भी होती है। वाशिंगटन यूनीवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, ऐसे बच्चों के मस्तिष्क का विकास बेहतर तरीके से होता है, जिनका पालन-पोषण मां ने लाड़-प्यार से किया हो।
शोध में मस्तिष्क के उस हिस्से का अध्ययन किया गया, जो सीखने, याददाश्त और तनाव से मुकाबले के लिए जिम्मेदार होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, मां के लाड़-प्यार के बीच पलने वाले बच्चों के मस्तिष्क के उस हिस्से का आकार अपेक्षाकृत बड़ा पाया गया।
यह शोध रिपोर्ट 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस अर्ली एडिशन' में प्रकाशित हुई है। सह-शोधकर्ता जॉन एल लुबी ने कहा कि यह अध्ययन इंसानों के लालन-पालन में अभिभावकों के महत्व को रेखांकित करता है।
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 92 ऐसे स्कूली बच्चों के मस्तिष्क का स्कैन किया, जिनमें स्कूल से पहले तनाव या मानसिक रूप से स्वस्थ होने के लक्षण पाए गए थे।
स्कैन से सामने आए नतीजों में पाया गया कि जिन बच्चों का लालन-पालन उनकी मां ने लाड़-प्यार से किया, उनमें सीखने, याददाश्त और तनाव से मुकाबले के लिए जिम्मेदार स्नायु तंत्र 'हिपोकैम्पस' अपेक्षाकृत 10 प्रतिशत अधिक बड़ा होता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 31, 2012, 21:52