Last Updated: Wednesday, March 21, 2012, 05:59
वाशिंगटन : तनाव की दीर्घकालिक समस्याओं में बिजली के झटके देकर इलाज करने का सिलसिला पिछले 70 वर्षों से चल रहा है, लेकिन इसके काम करने के तरीके के बारे में अभी भी अनुसंधानकर्ताओं को बहुत कम जानकारी है।
अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वह इस गुत्थी को सुलझाने में कामयाबी हासिल कर लेंगे।
‘इलेक्ट्रो कंक्लूसिव थेरेपी (ईसीटी)’ नामक इस इलाज की शुरुआत 1930 के दशक में हुई थी। इस चिकित्सा पद्धति में मरीज के माथे पर इलेक्ट्रॉड रखकर करीब 30 से 60 सेंकेण्ड तक विद्युत प्रवाह कराया जाता है। भारत इस विवादित इलाज पद्धति पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विचार कर रहा है।
स्कॉटलैंड के अबेरडिन विश्वविद्यालय के दल ने पाया है कि इलाज के दौरान मस्तिष्क को ‘इलेक्ट्रिक सिमुलेशन’ प्रदान करने वाली ईसीटी मस्तिष्क में संपर्क के जरिये प्रभावित करती है। लाइव साईंस ने विश्वविद्यालय में मस्तिष्क के स्वास्थ्य से जुड़ी अनुसंधानकर्ता जेनिफर पेरिन के हवाले से लिखा है, ‘हम मानते हैं कि हमने 70 साल पुराने इलाज की पद्धति की गुत्थी को सुलझा लिया है।’ इस अनुसंधान का परिणाम ‘प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल अकादमी ऑफ साईंसेज’ में प्रकाशित हुआ है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 21, 2012, 11:29