Last Updated: Sunday, February 3, 2013, 13:22

नई दिल्ली : कैंसर के मरीजों के लिए साइबरनाइफ रोबोटिक रेडियो सर्जरी तकनीक उपयोगी साबित हो रही है क्योंकि इस तकनीक में न तो कैंसर का ट्यूमर निकालने के लिए कोई ऑपरेशन करना पड़ता है और न ही परंपरागत थरेपी की तरह इसमें लंबा समय लगता है।
मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में रेडियेशन ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ तेजिन्दर कटारिया ने बताया, ‘कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ज्यादातर मामलों में जब तक इस बीमारी का पता चलता है, तब तक यह बहुत बढ़ चुकी होती है। समय रहते पता चलने पर कैंसर का इलाज आसानी से हो सकता है। लेकिन इस बीमारी का नाम सुन कर ही मरीज बहुत घबरा जाते हैं।’
उन्होंने कहा कि साइबरनाइफ रोबोटिक रेडियो सर्जरी एक अत्याधुनिक तकनीक है जो कैंसर के मरीजों के लिए उपयोगी साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि साइबरनाइफ तकनीक से इलाज में कोई चीरा नहीं लगाया जाता। इसमें ‘नॉन इन्वेसिव’ तरीके से ट्यूमर हटाया जाता है।
उन्होंने कहा कि यह उन मरीजों के लिए अत्यंत लाभदायक है जिनका कैंसर वाला ट्यूमर ऑपरेशन से नहीं निकाला जा सकता। साइबरनाइफ तकनीक में एनेस्थीसिया का भी उपयोग नहीं किया जाता।
बीएलके अस्पताल में रेडियेशन ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख और एसोसिएशन ऑफ रेडियेशन ऑन्कोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष डॉ एस हुक्कू ने कहा ‘इस तकनीक से इलाज के दौरान मरीज के शरीर में लक्षित ट्यूमर पर एक सत्र में 30 मिनट से 90 मिनट तक रेडियेशन बीम डाली जाती है और इस दौरान मरीज पूरी तरह होश में रहता है।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 3, 2013, 13:22