Last Updated: Wednesday, May 23, 2012, 22:39
वाशिंगटन : हमारे लिए एक दिन भूखा रहना कितना मुश्किल होता है, लेकिन कोई ऐसा भी है जिसमें पिछले 8.6 करोड़ वषरें से कुछ नहीं खाया है। दरअसल वैज्ञानिकों ने प्रशांत महासागर के तल में कुछ ऐसे जीवाणु खोजे हैं, जिन्हें जीवित रहने के लिए भोजन की जरूरत नहीं होती है।
वैज्ञानिकों ने प्रशांत ग्रे के तल में एक नरम लाल क्ले में से इस जीवाणु को खोजा है। उनका मानना है कि इस जीवाणु का चयापचय दुनिया में सबसे धीमी गति का होगा क्योंकि उन्हें जीवित रहने के लिए बहुत कम मात्रा में ऑक्सीजन और पोषकों की जरूरत होती है।
प्रशांत ग्रे वह स्थान है जहां महासागर में गिरने वाला सारा अघुलनशील कचरा जमा होता है। अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि इन जीवाणुओं को किसी ने पिछले 8.6 करोड़ वर्षों में हाथ भी नहीं लगाया है। ये डायनोसोर के लापता होने से पहले से वहां मौजूद हैं। वह श्वसन के लिए इतनी कम मात्रा में ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं कि उसे मापना मुश्किल है।
डेनमार्क के अरहुस विश्वविद्यालय के जिओमाइक्रोबायोलॉजिस्ट हंस रॉय ने इन जीवाणुओं के बारे में बताया कि सामान्य तौर पर हम नहीं देख सकते हैं कि वह किस दर से ऑक्सीजन का उपयोग कर रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार रॉय का कहना है कि यह हमारे लिए इतना धीमा है कि लगता है किसी ने एनिमेशन की गति को बहुत ही कम कर दिया हो। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 23, 2012, 22:39