Last Updated: Thursday, November 17, 2011, 18:09

लंदन : अंतरिक्ष यात्रियों ने कहा है कि बृहस्पति के चन्द्रमा यूरोपा की सतह के नीचे पानी का विशाल भंडार हो सकता है। इस पानी के भंडार का आकार उत्तरी अमेरिका की ग्रेड लेक्स के बराबर होने का संभावना है।
अध्ययनकर्ताओं के अनुसार पानी का यह भंडार यूरोपा के बाहरी बर्फीले कवच से ढंका है और सतह से कुछ किलोमीटर दूर है। इसके कारण पृथ्वी के बाहर जीवन मिलने की संभावना काफी प्रबल हो गई है।
डेली मेल में प्रकाशित खबर के अनुसार नासा के गेलीलियो अंतरिक्ष यान ने यूरोपा के दो वृत्ताकार उबड़ खाबड़ क्षेत्र की दो तस्वीरें खींची हैं। इनके आधार पर कंप्यूटर से बनाए गए रेखाचित्रों से सुझाव मिलता है कि सतह के पास ही बर्फ की एक गुफा दबी हो सकती है। इससे जीवन को समर्थन मिलने की संभावना है।
पृथ्वी पर एंटार्कटिक क्षेत्र में भी इसी तरह की स्थिति देखने को मिलती है जहां समुद्री जल के रिस जाने से बर्फ की परत कमजोर पड़ती है। आइसलैंड में भी यही स्थिति होती है जहां ज्वालामुखी की गतिविधियों से ग्लेशियर नीचे की ओर से पिघलने लगते हैं।
वैज्ञानिकों को काफी समय से यह संदेह था कि यूरोप की सतह के नीचे तरल या गली बर्फ मौजूद है। यह बर्फ बृहस्पति के शक्तिशाली गुरूत्वाकषर्ण की वजह से समुद्री लहरों के बल से पिघलती है। सैद्धांतिक रूप से तरल जल वाला महासागर जीवन की बसावट के लिए उपयुक्त स्थान हो सकता है बशर्ते यह जगह सतह से ज्यादा दूर नहीं हो।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 17, 2011, 23:40