Last Updated: Tuesday, March 13, 2012, 10:47
लंदन : चेहरे की झुर्रियां दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला बोटोक्स उन महिलाओं के लिए भी कारगर इलाज साबित हो सकता है जिन्हें बार बार पेशाब आने यानी ब्लैडर सिन्ड्रोम की समस्या होती है।
ब्रिटेन स्थित लीसेस्टर विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि मूत्राशय की दीवार पर बोटोक्स की मामूली मात्रा सीधे प्रविष्ट कराई जाए तो उन महिलाओं को बेहद राहत मिलती है जिन्हें बार बार शौचालय जाने की जरूरत पड़ती है।
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि आम तौर पर ब्लैडर सिन्ड्रोम की वजह से महिलाओं को जितनी बार शौचालय जाना पड़ता है, बोटोक्स के उपयोग से यह संख्या करीब एक चौथाई रह जाती है। अध्ययन दल के प्रमुख डॉ डगलस तिन्सेलो ने कहा ‘ब्लैडर सिन्ड्रोम स्वास्थ्य संबंधी एक समस्या है और 40 साल तथा अधिक उम्र की हर पांचवीं महिला इससे पीड़ित होती है।’
डेली टेलीग्राफ की खबर में डॉ तिन्सेलो को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है ‘अध्ययन से इस ब्लैडर सिन्ड्रोम के इलाज की उम्मीद जगी है। ब्लैडर सिन्ड्रोम से न केवल दैनिक जीवन प्रभावित होता है बल्कि शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ता है।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 13, 2012, 16:28