Last Updated: Thursday, September 26, 2013, 20:44

चेन्नई : भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) और तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू) धान की बौनी और अधिक उपज देने वाली किस्म विकसित करने की एक परियोजना पर काम कर रहे हैं। इसमें धान के जीन को परमाणु प्रौद्योगिकी के जरिए संवर्धित करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
इस परियोजना से जुड़े बीएआरसी के एक पूर्व अधिकारी सुरेश जी. भागवत ने कहा कि मौजूदा समय में हम धान की ‘ह्वाईट पोन्नी’ और ‘एडीटी 47’ किस्मों को लेकर और बौनी किस्म को विकसित कर रहे हैं ताकि बालिया लगने के बाद फसल लेटे नहीं। हम दोनों प्रजातियों पर एक साथ काम कर रहे हैं।
इस परियोजना का वित्तपोषण परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत आने वाले ‘बोर्ड आफ रिसर्च इन न्यूक्लियर साइंस’ के द्वारा किया जा रहा है और शोध की अवधि तीन वर्ष होने की उम्मीद है। उन्होंने बीएआरसी के एक समारोह के मौके पर कहा कि नई प्रजाति की उपज 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत ऊंची रहने की उम्मीद है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 26, 2013, 20:44