Last Updated: Thursday, November 24, 2011, 10:21
लंदन: व्यक्ति अपने भीतर जिस तरीके का विचार लाना चाहता है, इसका निर्धारण वह अपने मस्तिष्क को प्रशिक्षण देकर कर सकता है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। समाचार पत्र 'डेली मेल' में प्रकाशित मनोचिकित्सक क्रिस्टीन वेबर ने अपने लेख में कहा है कि प्रसन्न रहने वाले लोग लम्बे समय तक जीवित रहते हैं और वे अच्छे सम्बंध बनाते हैं। ऐसे व्यक्ति अपराध की तरफ कम आकर्षित होते हैं।
वेबर के मुताबिक तंत्रिका विज्ञान में हाल में हुए विकास में पाया गया कि मस्तिष्क जीवन में नए तंत्रिका सम्बंधों को बनाता है। जब व्यक्ति आनंदित रहता है तो मस्तिष्क में खुश रहने वाला हिस्सा सक्रिय हो जाता है और इससे व्यक्ति को प्रसन्नता का अहसास होता है।
वहीं, इटली के मनोचिकित्सक जियोवन्नी फवा ने अपने अध्ययन के दौरान मरीजों को उनके जीवन के खुशी के क्षणों को लिखने के लिए प्रेरित किया।
वेबर के लेख के मुताबिक फवा ने पाया कि जब लोगों ने खुशी के क्षणों को विस्तार से लिखा तो खुशी की भावना उनके मस्तिष्क में काफी समय तक रही।
कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि आशावादी लोग कम खुश रहने वालों की तुलना में जीवन में मुश्किल हालातों से बेहतर तरीके से निपटने में सक्षम होते हैं।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 24, 2011, 15:51