Last Updated: Tuesday, August 27, 2013, 15:38
कोच्चि : पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिक नाम्बी नारायणन ने केरल उच्च न्यायालय को बताया है कि शुरुआत में इसरो जासूसी मामले की जांच करने वाले यदि ‘अंधाधुंध’ गिरफ्तारियां नहीं करते तो भारत वर्ष 2000 तक क्रायोजेनिक इंजन विकसित कर सकता था।
नारायणन को भी जासूसी मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया था। उन्होंने कल अदालत को बताया कि पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सिबी मैथ्यूज के नेतृत्व में इस मामले की शुरू में जांच करने वाले विशेष दल ने क्रायोजेनिक इंजन के विकास के लिए काम कर रहे वैज्ञानिकों को हतोत्साहित करने और इस विशेष क्षेत्र में विकास कार्य ठप करने के इरादे से उन्हें गिरफ्तार करने की योजना बनाई थी।
नारायणन ने पूर्व पुलिस अधिकारी के जवाबी हलफनामे पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही। उन्होंने इस समय मुख्य सूचना आयुक्त के तौर पर कार्य कर रहे मैथ्यूज और दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 27, 2013, 15:38