Last Updated: Sunday, September 29, 2013, 14:20

वाशिंगटन : अमेरिका में भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक ने एक नया फीडबैक सिस्टम विकसित किया है जिसके माध्यम से रोबोट न्यूनतम निगरानी के साथ अपना कामकाज कर सकते हैं। इससे अंतत: रोबोट जैसी मशीनों को स्वायत्त तरीके से काम करने में सक्षम बनाने की दिशा में बढ़ा जा सकता है।
इस प्रणाली से भविष्य में ऐसे रोबोट की संभावना पैदा हुई हैं जो अपने लिए खुद सोच सकता है, सीख सकता है और ग्रहण कर सकता है।
मिसुरी यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलोजी से ताल्लुक रखने वाले डा. जगन्नाथन सारंगपाणि ने मौजूदा रोबोटो का इस्तेमाल किया है और त्रुटि सहिष्णु नियंत्रण डिजाइन पेश किया है जो रोबोट को सौंपे गए किसी कार्य को संपन्न करने में उसकी दक्षता में सुधार करता है।
इस नए फीडबैक सिस्टम से यह संभव होगा कि यदि लीडर रोबोट का सिस्टम या मशीन ठप हो जाती है तो उसके पीछे आ रहा रोबोट उस लीडर रोबोट की भूमिका किसी इंसान की तरह खुद ही ग्रहण कर लेगा।
इसमें यदि लीडर रोबोट में कोई समस्या आ जाती है तो त्रुटि सहिष्णु नियंत्रण डिजाइन अपने आप सक्रिय हो जाएगा।
सारंगपानी ने बताया, ‘कल्पना कीजिए कि दूर-दूर कार्यरत दस बुलडोजरों को नियंत्रित करने के लिए कार्यालय में आपके पास एक आपरेटर है। इस प्रक्रिया में यदि एक बुलडोजर में तकनीकी खराबी आ जाती है तो हार्डवेयर यह सुनिश्चित करेगा कि काम जारी रहे।’
इस नए शोध को रोबोटिक सुरक्षा प्रणाली, खनन और यहां तक कि हवाई निगरानी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सारंगपाणि का मानना है कि यह शोध सबसे अधिक हवाई वाहनों के लिए महत्वपूर्ण है। यदि उड़ान के दौरान कोई हेलिकाप्टर किसी तकनीकी समस्या का शिकार हो जाता है तो समस्या का तुरंत पता लगाकर उसे ठीक करना संभव होगा। इसका मतलब यह है कि बड़ी तकनीकी समस्या के कारण किसी भयंकर हवाई हादसे के बजाय , यह नया सिस्टम हवाई वाहन को आपात स्थिति में उतरने में सक्षम बनाएगा।
त्रुटि साहिष्णुता प्रणाली समस्या का पता लगाने के बाद समस्याग्रस्त हिस्से को बंद कर देगी और इस दौरान वाहन पर भी पूरी तरह नियंत्रण बनाए रखा जा सकेगा।
सारंगपानी ने कहा, ‘अंतिम लक्ष्य यह है कि रोबोटिक क्रांति को अगले स्तर पर ले जाया जाए।’ उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि रोबोट अपने आप सोचें, सीखें और बिना किसी निगरानी के खुद से नयी चीजों को ग्रहण करें और उनका आलोचनात्मक विश्लेषण कर सकें। आत्मचेतना से भरपूर रोबोट अंतत: इस दुनिया में होंगे। अब थोड़ा ही समय बाकी है।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 29, 2013, 14:20