Last Updated: Tuesday, October 9, 2012, 13:10

लंदन : कैंब्रिज विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एक नया विशालकाय ब्लैक होल खोजा है। एक भारतीय मूल के वैज्ञानिक के नेतृत्व में इस दल ने लगातार बढ़ रहे ब्लैक होल को ढूंढ निकाला। इससे पहले ब्लैक होल ढूंढने में दिक्कत इसलिये होती थी क्योंकि वह धूल के गुबार में छिपे रहते थे।
नए अनुसंधान में इन्फ्रारेड किरणों के इस्तेमाल से पता चला कि ब्लैक होल आकाश गंगा के साथ अपने प्रभाव से विकिरण उत्सर्जित रहे हैं। इस अनुसंधान को रॉयल एस्ट्रोनोमिकल सोसाइटी के जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
यह ब्लैक होल धरती से इतना दूर है कि प्रकाश को वहां से धरती तक पहुंचने में 11 अरब साल लगते हैं। इसका वजन सूर्य के वजन से 10 अरब गुना अधिक है। यही वजन इसे सबसे अब तक का सबसे भीमकाय ब्लैक होल बनाता है।
अनुसंधान में यह भी सामने आया है कि ब्रह्मांड में ऐसे 400 और ब्लैक होल मौजूद हो सकते हैं।
इस अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले डॉ मांडा बनर्जी ने कहा कि इस अनुसंधान के परणिामों से भीमकाय ब्लैक होल के अध्ययन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि अभी भी कई ब्लैक होल हमारी आंखों से ओझल हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 9, 2012, 13:10