Last Updated: Monday, January 16, 2012, 08:15
वॉशिंगटन: वैज्ञानिकों ने एक जीन की खोज की है जिसके बारे में उनका दावा है कि यह जीन कुछ बच्चों को पड़ने वाले मिर्गी के दौरे के लिए जिम्मेदार है।
बच्चों को पड़ने वाले मिर्गी के दौरे को ‘बेनाइन फैमीलियल इन्फैन्टाइल एपीलेप्सी’ कहा जाता है। यह समस्या सभी बच्चों को नहीं होती लेकिन जिन्हें होती है उन्हें दौरे छह माह से दो साल की उम्र के बीच बीएफआईई के दौरे पड़ते हैं। दो साल की उम्र के बाद ये दौरे रूक जाते हैं।
अब तक अनुसंधानकर्ता यह नहीं जान पाए थे कि स्वस्थ बच्चों को मिर्गी के ये दुर्लभ दौरे क्यों पड़ते हैं। बहरहाल, अब मेलबर्न विश्वविद्यालय की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय दल ने कहा है कि उनके अनुसंधान के निष्कर्ष बताते हैं कि पीआरआरटी2 नामक जीन में होने वाला परिवर्तन बीएफआईई के मुख्य कारणों में से एक है।
अनुसंधान में वैज्ञानिकों ने दुनिया भर के करीब 40 परिवारों का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि बीएफआईई वाले बच्चों में पीआरआरटी2 जीन में परिवर्तन होता है। इस परिवर्तन की वजह से जीन प्रोटीन को सही तरीके से कूटबद्ध नहीं करता।
बहरहाल, इस जीन का कामकाज अभी ज्ञात नहीं है। न ही यह पता चल पाया है कि इस जीन में किस तरह के बदलाव होते हैं जिनकी वजह से बच्चों को मिर्गी का दौरा पड़ता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 16, 2012, 13:45