Last Updated: Friday, July 6, 2012, 08:35
कोयंबटूर : डीआरडीओ रोबोट सैनिक विकसित करने की प्रक्रिया में है और इसे अंतिम रूप जल्द ही प्रदान किया जाएगा।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के महानिदेशक वी के सारस्वत ने यहां संवाददाताओं को बताया कि ये सैनिक बारूदी सुरंगों का पता लगाने और उन्हें हटाने में सक्षम हैं जिससे सभी बलों को मदद मिलेगी। इस बारे में कार्य बेंगलूर और पुणे इकाइयों में जारी है।
डीआरडीओ इसके साथ ही उंचाई वाले स्थानों पर 400 किलोग्राम तक के सामान ले जाने के लिए रोबोट खच्चर बना रहा है। इस बारे में और अधिक जानकारी इस वर्ष के अंत तक उपलब्ध होगी। उन्होंने बताय कि चूंकि सैनिक कई शारीरिक समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं डीआरडीओ उंचाई वाले स्थानों पर सामान ढोने और ऐसी समस्याओं को कम करने के बारे में अनुसंधान कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम उनके लिए दवा विकसित करने के साथ ही उंचाई वाले स्थानों पर कृषि पर भी कार्य कर रहे हैं।
सारस्वत ने ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र को अन्य देशों को देने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस प्रक्षेपास्त्र की इंडोनेशिया और मलेशिया सहित अन्य देशों की ओर से भारी मांग है। हालांकि इसे अभी अन्य देशों को देने का कोई प्रस्ताव नहीं है क्योंकि अभी इसका निर्माण भारत की मांग पूरी करने के लिए करने की आवश्यकता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 6, 2012, 08:35