Last Updated: Sunday, September 1, 2013, 23:19

नई दिल्ली : सघन संरक्षण प्रयासों के बावजूद मानव-वन्यजीवों के बीच बढ़ते टकराव और उंचाई वाली घासभूमि पर उनके रहने में आ रही दिक्कतों से लुप्तप्राय हिम तेंदुओं के विलुप्त होने का खतरा मंडराने लगा है। एक वैश्विक संरक्षण संगठन के मुताबिक हिम तेंदुओं की संख्या में जबर्दस्त कमी आयी है।
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) के मुताबिक, हिमालय सहित मध्य एशिया की पर्वत श्रेणियों में पाए जाने वाले हिम तेंदुओं की संख्या में पिछले 16 साल में कम से कम 20 फीसदी की कमी आयी है और ऐसा इसलिए हुआ है कि उन्हें रहने के लिए उचित जगह नहीं मिल रही है और उनके आहार में भी दिक्कतें आने लगी हैं।
आईयूसीएन ने विलुप्तप्राय प्रजातियों की अपनी लाल सूची में हिम तेंदुओं को शामिल किया है। वन्यजीव संरक्षण सोसाइटी के मुताबिक, हिम तेंदुए दुनिया की सबसे अधिक लुप्तप्राय प्रजातियों में से एक हैं और एक अनुमान के तहत उनकी संख्या 3500 से 7500 के बीच रह गयी है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 1, 2013, 23:19