Last Updated: Sunday, April 7, 2013, 12:28

कोलकाता : जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति (आईपीसीसी) के अध्यक्ष डॉ. आरके पचौरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते समुद्र जल के स्तर से तटीय क्षेत्रों के पास स्थित कोलकाता, शंघाई और ढाका जैसे शहरों के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो रहा है।
पचौरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कोलकाता, शंघाई और ढाका जैसे डेल्टा क्षेत्र वाले शहरों के सामने बड़ा खतरा है। ये शहर समुद्र जल के बढ़ते स्तर और तटीय बाढ़ की वजह से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर बहुत संवदेनशील हैं। ऐसी स्थिति में लोग और संपत्ति दोनों ही प्रभावित होंगे।’ पचौरी ने दुनिया भर की सरकारों से जल्द से जल्द जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के उपाय करने की अपील करते हुए कहा कि इस मामले को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘वैज्ञानिक कारक साफ तौर पर नजर आ रहे हैं। हम अपनी आंखें बंद कर सकते।’ इससे पहले कल रात भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोलकाता में दीक्षांत समारोह के दौरान अपने संबोधन में पचौरी ने कहा, ‘ध्रुवीय भूमि पर बर्फ की चादर के आंशिक रूप से पिघलने से समुद्र जल का स्तर कई मीटर बढ़ सकता है, नदी के डेल्टाओं और निचले क्षेत्रों पर सबसे बुरे प्रभावों के साथ समुद्री तटों में बड़े बदलाव, निचले क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 7, 2013, 12:28