Last Updated: Thursday, November 15, 2012, 18:51

पेरिस : वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्होंने सुअर के जेनेटिक कोड का खाका तैयार कर लिया है और उनका कहना है कि यह जानवर कई बीमारियों से लड़ने में मनुष्यों के लिए उपयोगी हो सकता है। अमेरिकी और यूरोपीय वैज्ञानिकों के दल ने पाया कि सुअरों और मनुष्यों में 112 डीएनए परिवर्तन एक समान होते हैं। मनुष्यों में इन परिवर्तनों का संबंध मोटापा, मधुमेह, डिस्लेक्सिया, पार्किस्स् म और अल्झाइमर से होता है।
फ्रांस के ‘नेशनल इन्स्टीट्यूट फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च’ (आईएनआरए) के पशु आनुवंशिकी विभाग के प्रमुख डेनिस मिलान ने कल कहा ‘हमें :सुअर में: यह अध्ययन करने का मौका मिला कि ये जीन मोटापा, मधुमेह या अन्य बीमारियां पैदा करने के लिए दूसरे जीनों के साथ किस तरह क्रिया करते हैं।’ एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के सह लेखक एलेन आर्चीबाल्ड ने कहा कि इससे पता चलता है कि दवाओं के परीक्षण तथा थरेपी सहित कुछ अन्य अध्ययनों के लिए सुअर उपयोगी मॉडल हो सकता है जिस पर प्रयोग कर मनुष्यों पर होने वाले प्रभावों का अनुमान लगाया जा सकता है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 15, 2012, 17:41