Last Updated: Tuesday, May 15, 2012, 18:09
वाशिंगटन : वैज्ञानिकों ने एक ऐसा अणु ढूंढ़ निकालने का दावा किया है जो दिमाग को नए स्नायु के निर्माण में सक्षम बनाता है। इससे स्मृतिलोप के प्रभावों को कम करने के लिए नये उपचारों के विकास का रास्ता खुल सकता है। अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक दल ने कहा कि इससे स्मृतिलोप की बीमारी के लिए नये उपचारों को विकसित करने में मदद मिलेगी। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ता दल ने यह अध्ययन किया।
‘द जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस’ ने अपने नवीनतम अंक में शोध से संबंधित खबर प्रकाशित की। रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ता दल के प्रमुख डॉक्टर जाना वुकोविक ने कहा कि इस शोध का उद्देश्य दिमाग की आण्विक संरचना को समझना था जो उम्र बढ़ने के साथ समझने की क्षमता और याद्दाश्त के बिगड़ने के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
वुकोविक ने कहा कि बढ़ती उम्र के साथ नए तंत्रिका कोशिकाओं के निर्माण की गति धीमी हो जाती है। इससे दिमाग की नयीेस्मृतियों के निर्माण की क्षमता घट जाती है। लेकिन हमारे शोध में पहली बार यह पता लगाया गया कि दिमाग की माइक्रोगलिया कोशिकाएं आमतौर पर प्रतिरक्षण के विकास के लिए जिम्मदार होती हैं और बढ़ती उम्र के दौरान इनका याद्दाश्त पर निरोधात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा निर्मित फै्रकटॉकलाइन अणु इस प्रक्रिया को उलट सकता है, यह नए स्नायु (न्यूरॉन्स) के उत्पादन के लिए स्टेम कोशिकाओं को बढ़ावा देता है।
शोधकर्ता दल की सदस्य प्रोफेसर पेरी बार्लेट ने कहा कि एक बार कोशिकाएं सक्रिय होने के बाद टूटती हैं और उनसे नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है। इसी से जानवरों या इसांन के समझने और याद्दाश्त निर्माण की क्षमता का विकास होता है। इस खोज से स्मृतिलोप के इलाज के लिए नये उपचारों के विकास में मदद मिलेगी।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 15, 2012, 23:39