Last Updated: Sunday, May 5, 2013, 10:42
सिंगापुर : सिंगापुर की एक अदालत ने खुदरा कारोबारियों के साथ 1,35,000 सिंगापुर डॉलर से अधिक मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक सामानों को लेकर धोखाधड़ी करने के लिए भारतीय मूल के एक छात्र को 22 महीने की कैद की सजा सुनाई है।
पिछले साल जनवरी में 22 वर्षीय सूरज कुमार सरबजीत ने खुद को सेना का कैप्टन बता कर सिंगापुर के बख्तरबंद वाहनों के मुख्यालय की ओर से सापुरा सिनर्जी को 11 एप्पल मैकबुक प्रो लैपटॉप का ऑर्डर दिया।
उसने अपने इमेल में सापुरा सिनर्जी को अपना काल्पनिक पता बताया और 28,844 सिंगापुर डॉलर मूल्य का सामान पाने के लिए एक कूरियर कंपनी की मदद ली। सामान लेने के बाद इसी दिन उसने सभी लैपटॉप 23,150 सिंगापुर डॉलर में बेच दिये। छह दिन बाद सूरज ने इसी तरह से एक दूसरे विक्रेता मल्टीमीडिया इंटीग्रेटेड से 15,230 सिंगापुर डॉलर मूल्य के आठ एप्पल मैकबुक एयर लैपटॉप मंगाए।
द स्ट्रैट टाइम्स की खबर के अनुसार, उसने कूरियर कंपनी की मदद से सामान हासिल किया और 10,500 सिंगापुर डॉलर में कंप्यूटर बेच दिये। मार्च, 2012 में सूरज ने खुद को फेडरल एक्सप्रेस कंपनी का अधिकारी बता कर खुदरा विक्रेता एपीसेंटर से 41,111 सिंगापुर डॉलर मूल्य के 27 आईपैड, आईफोन और लैपटॉप मंगाए और बाद में इन्हें 32,170 सिंगापुर डॉलर में बेच दिया। सूरज ने लगभग तीन महीनों के भीतर खुदरा विक्रेताओं के साथ 1,35,772 सिंगापुर डॉलर के मूल्य के सामानों को लेकर धोखाधड़ी की। जब वह अपनी इन कारगुजारियों को अंजाम दे रहा था तब वह ऐसे ही अपराधों के लिए दो सालों की परिवीक्षा में था।
जिला अदालत ने गत शुक्रवार को सूरज को धोखाधड़ी और जालसाजी के 10 आरोपों के तहत दोषी करार दिया। सूरज विधि एवं प्रबंधन में डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहा था। वह पिछले साल 11 अप्रैल के बाद से हिरासत में था। सोमवार को उसे धोखाधड़ी और जालसाजी के उन छह और मामलों में सजा सुनायी जाएगी जिनके लिए उसे 2011 में परिवीक्षा में रखा गया था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 5, 2013, 10:42