Last Updated: Monday, December 24, 2012, 23:40

वाशिंगटन : भारत पर 1962 के चीन के हमले के छह माह बाद अमेरिका ने दूसरा चीनी हमला होने पर चीन के खिलाफ परमाणु हथियारों के उपयोग पर विचार किया था क्योंकि वह कम्युनिस्टों के हाथों भारत के पराजय को रोकने पर संकल्पबद्ध था।
तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी ने नौ मई 1963 को अपने शीर्ष सैन्य सहयोगियों के साथ एक बैठक में साफ तौर पर अपना संकल्प जताया था कि वह चीन को भारत को हराने नहीं देंगे। उनके रक्षामंत्री ने तो भारत के खिलाफ दूसरे हमले पर चीन के खिलाफ परमाणु हथियारों के उपयोग तक की बात की थी।
ये रहस्योद्घाटन टेड विडमर और कैरोलीन केनेडी की किताब ‘लिसेनिंग इन: द सीक्रेट व्हाइट हाउस रिकॉर्डिंग्स ऑफ जॉन एफ केनेडी’ में किए गए हैं। यह किताब हाल ही में जारी की गई है।
इस किताब में केनेडी के हवाले से कहा गया है, ‘‘..हम इस्राइल और सउदी अरब की रक्षा में आ रहे हैं। मैं समझता हूं कि हमें इसपर सोचना चाहिए, (अस्पष्ट) यह हमारे लिए वांछनीय है कि हम भारत को गारंटी दें कि हम वास्तव में ऐसा करेंगे। मैं नहीं समझता इसमें कोई शक है कि यह देश संकल्पबद्ध है क हम चीनियों को भारत को परास्त करने की इजाजत नहीं रिपीट नहीं देंगे।’’
तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अगर हम ऐसा करेंगे तो हम संभवत: दक्षिण कोरिया और दक्षिण वियतनाम से भी बाहर हो जाएंगे। इस लिए, मैं समझता हूं कि हमें समय पर फैसला करना है। इसलिए, अब कुछ वादे करने, कुछ वादे करते दिखने पर मुझे कोई एतराज नहीं है। अब, अगर यह राजनीतिक रूप से अहम है।’’ किताब के अनुसार केनेडी ने यह टिप्पणी व्हाइट हाउस में अपने रक्षामंत्री रॉबर्ट मैकनमारा और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मैक्सवेल डेवेनपोर्ट ‘मैक्स’ टेलर के साथ एक बैठक में की थी।
इस किताब में केनेडी की बातचीत और व्हाइट हाउस में बैठकों के चुनिंदा ऑडियो रिकार्डिंग शामिल किए गए हैं। किताब के हिसाब से केनेडी चीन के हमले से भारत को सुरक्षित करने के प्रति संकल्पबद्ध प्रतीत दिखते हैं। वह कहते हैं कि अमेरिका ऐसा होने की इजाजत नहीं दे सकता। मैकनमारा कहते हैं कि ऐसा करते हुए अमेरिका संभवत: चीन के खिलाफ परमाणु हथियारों तक का उपयोग कर सकता है।
जब केनेडी यह टिप्पणियां कर रहे थे, जनरल टेलर ने बीच में अमेरिकी राष्ट्रपति को टोका और कहा कि भारत से पहले अमेरिका को चीन के खिलाफ एक व्यापक नीति विकसित करनी चाहिए।
टेलर ने कहा, ‘‘श्रीमान राष्ट्रपति, मैं उम्मीद करता हूं कि इससे पहले कि हम भारत के सवाल पर बहुत गहराई में जाएं, हमें इसपर एक व्यापक गौर करना चाहिए कि हम कहां हैं, मनचूरिया से ले कर :अस्पष्ट: तक समूचे रास्ते में लाल चीन के खिलाफ हम क्या रूख अपना रहे हैं। इस समग्र समस्या का यह महज एक अपूर्व पहलू है कि अगले दशक में हम लाल चीन से राजनीतिक और सैन्य रूप से कैसे निबटें।’’ गोपनीय ऑडियो रिकार्डिंग के मजमून के अनुसार केनेडी ने जवाब दिया, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि भारत एकमात्र जगह है जहां हमारे पास वास्तव में यह करने के लिए मानवसंसाधन है।’’ टेलर ने कहा, ‘‘अगर लाल चीन एशिया के किसी हिस्से में घुसा और हमारे साथ प्रतियोगिता की तो मैं इस विचार से नफरत करूंगा कि हम इससे किसी गैर-परमाणु युद्ध जंग में सरजमीन पर संघर्ष करेंगे।’’ केनेडी ने कहा कि अगर चीन को यह जानकारी रही कि अब अमेरिका हस्तक्षेप करेगा तो उसके हमले की संभावना घट जाएगी।
First Published: Monday, December 24, 2012, 17:46