Last Updated: Wednesday, November 7, 2012, 12:49
वाशिंगटन : अमेरिकी खुफिया समुदाय ने 1964 में भारत के परमाणु बम की भविष्यवाणी कर दी थी, लेकिन इस्राइल के बारे में उसका यह अनुमान गलत निकला कि इजरायली नेतृत्व ने परमाणु बम बनाने का ‘अभी कोई फैसला नहीं’ किया है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा संग्रहालय (एनएसए) और न्यूक्लीयर प्रोलिफिरेशन इंटरनेशनल हिस्ट्री प्रोजेक्ट ने कल इससे संबंधित दस्तावेज जारी किए। इस तरह का विश्लेषण अक्तूबर 1964 में नेशनल इंटेलीजेंस एस्टीमेट (एनआईई) ने किया था। इसमें चीन द्वारा 16 अक्टूटबर 1964 को किए गए पहले परमाणु परीक्षण के समय देशों की परमाणु स्थिति के बारे में ब्यौरा था।
रिपोर्ट में कहा गया था कि इस बात की काफी संभावना है कि भारत अगले कुछ सालों में परमाणु हथियार बनाने का फैसला करेगा। इसमें कहा गया कि यद्यपि भारत के पास प्लूटोनियम उत्पादन की क्षमता थी और चीन के परमाणु परीक्षण से इस तरह का फैसला करने के लिए बढ़ता ‘आंतरिक दबाव’ भी था, लेकिन असल में भारत ने इससे कई वर्ष पहले ही परमाणु हथियार बनाने का निर्णय कर लिया था।
अनुमान में यह निष्कर्ष भी व्यक्त किया गया था कि इजरायली नेताओं ने ‘संभवत: अभी तक परमाणु हथियार विकसित करने का फैसला नहीं किया है’, हालांकि अरब देशों के शस्त्रीकरण या ‘पर्याप्त मात्रा में परंपरागत हथियार हासिल करने’ में विफलता जैसे कारकों की वजह से उस पर ऐसा करने के लिए दबाव बढ़ सकता है। एनएसए ने कहा कि इसके विपरीत एवनर कोहेन का शोध (1998 में आई उनकी किताब इजरायल एंड बम तथा वर्स्ट केप्ट सीक्रेट का उनका 2010 का संस्करण) यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री बेन गुरियोन 1962 में परमाणु हथियार बनाने का आधारभूत फैसला पहले ही कर चुके थे, और इजरायलियों ने 1967 में अपने जखीरे का निर्माण शुरू कर दिया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 7, 2012, 12:49