Last Updated: Wednesday, December 19, 2012, 11:15

न्यूयॉर्क : अमेरिकी सरकार ने न्यूयॉर्क की एक अदालत को सूचित किया है कि मुंबई हमले के पीड़ित परिवारों की ओर से स्थानीय अदालत में दायर मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई एवं उसके दो पूर्व महानिदेशकों अहमद शूजा पाशा तथा नदीम ताज को छूट (इम्युनिटी) मिली हुई है।
इसके साथ ही अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपने यहां लश्कर-ए-तैयबा के नेटवर्क को तबाह करे और आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों में भारत का सहयोग करे। अमेरिका के मुख्य उप सहायक एटार्नी जनरल स्टुअर्ट डेलेरी ने बीते 17 दिसंबर को न्यूयॉर्क की संघीय अदालत के समक्ष कहा, ‘अमेरिका के विचार में इंटर-सर्विसिज इंटेलीजेंस (आईएसआई) छूट पाने की हकदार है क्योंकि एफएसआईए (फारेन सोवरन इम्यूनिटीज एक्ट) के तहत आती है।’
डेलेरी ने कहा, ‘इसके साथ ही अमेरिकी विदेश विभाग मानता है कि आईएसआई के पूर्व महानिदेशक अहमद शूजा पाशा और नदीम ताज पर लगे आरोप उन गतिविधियों से संबंधित हैं जिन्हें उन्होंने अपने अधिकारिक दायरे में कथित तौर पर अंजाम दिया। वे ऐसी इकाई के निदेशक थे जो पाकिस्तान सरकार का बुनियादी हिस्सा है।’
अमेरिकी सरकार की ओर से दिए गए हलफनामे में कहा गया है, ‘विदेशी संप्रभुता छूट और विदेशी अधिकारी छूट ऐसा आधार मुहैया कराते हैं जिससे आईएसआई, तथा इसके पूर्व महानिदेशकों पाशा एवं ताज से जुड़े मामले में अमेरिका ने किसी राजनीतिक सवाल पर कोई रुख नहीं अख्तियार किया है।’ मुंबई हमले में जिंदा बचे अमेरिकियों एवं इसके पीड़ित परिवारों ने दायर मामले में दावा किया है कि इस आतंकवादी हमले की साजिश रचने तथा इसके अंजाम देने में आईएसआई की संलिप्तता थी।
अमेरिकी अदालत में पाशा और ताज के अलावा आईएसआई के दूसरे अधिकारियों पर मामला चल रहा है। इनके अलावा लश्कर के खूंखार आतंकवादियों हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी, साजिद मीर तथा आजम चीमा को भी आरोपी बनाया गया है। मुंबई के कई प्रमुख स्थानों पर 26 नवंबर, 2008 हुए आतंकवादी हमले में छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे और 308 अन्य घायल हो गए थे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 19, 2012, 11:15