Last Updated: Thursday, March 22, 2012, 10:45
लाहौर : वर्ष 2008 के मुंबई हमलों के आरोपी लश्कर-ए-तैयबा कमांडर के वकील ने कहा है कि इस हमले की जांच के सिलसिले में हाल ही में एक पाकिस्तानी न्यायिक आयोग की भारत यात्रा का 26/11 के मामले में ‘कोई प्रभाव’ नहीं पड़ेगा।
लश्कर-ए-तैयबा कमांडर जकिउर रहमान लखवी के वकील ख्वाजा हारिस अहमद ने कहा, ‘हम निराशा के साथ वापस आए हैं। यदि हमें पता होता कि आयोग के सदस्यों को चार गवाहों से जिरह की अनुमति नहीं मिलेगी तो हम भारत जाने से इंकार कर देते।’ अहमद ने दावा किया, ‘इस प्रक्रिया को करने का कोई बिंदू ही नहीं बनता है क्योंकि इसका यहां के सात आरोपियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पाकिस्तानी अभियोजक भी इस यात्रा के परिणाम से संतुष्ट नहीं हैं। हम में से कोई भी यह उम्मीद नहीं कर रहा था कि यह कदम निरर्थक साबित होगा।’
आठ सदस्यीय पाकिस्तानी आयोग पिछले सप्ताह मुंबई गया था और उसने इस हमले की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी, जिंदा हमलावर अजमल कसाब की स्वीकारोक्ति रिकार्ड करने वाले मजिस्ट्रेट, मृत आतंकवादियों और घटना में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम करने वाले दो डॉक्टरों का बयान रिकार्ड किया था।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 22, 2012, 16:41