INS विक्रांत को सेना में शामिल करने पर चीन ने सराहा

INS विक्रांत को सेना में शामिल करने पर चीन ने सराहा

INS विक्रांत को सेना में शामिल करने पर चीन ने सराहाबीजिंग : भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को सेना में शामिल किए जाने की चीन के एक सरकारी अखबार ने प्रशंसा की है। चीन की ओर से भारत की प्रशंसा का यह एक दुलर्भ मौका है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, भारत के स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत को सेना में शामिल किए जाने पर खुशियां मनायी जानी चाहिए क्योंकि यह हथियारों के भारतीयकरण की ओर एक मजबूत कदम है। लेख में कहा गया है, यह लॉन्च दिखाता है कि भारत सरकार को हथियारों के उत्पादन का स्वदेशीकरण करने में प्राथमिक सफलता मिल गई है। साथ ही यह भी लिखा गया है कि भारत ने स्वदेशी पोत के निर्माण, अनुसंधान और विकास पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं।

इसमें कहा गया है कि स्वदेशी तकनीक से बनी नाभिकीय पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के साथ इसके लॉन्च से अगले वर्ष आम चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की स्थिति मजबूत होगी। कल प्रकाशित इस लेख में कहा गया है कि भारत के आईएनएस विक्रांत और जापान के हेलीकॉप्टर वाहक का सेना में शामिल किया जाना चीन के लिए चेतावनी की भांति है।

शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के सेंटर फॉर एशिया-पेसिफिक स्टडीज के सहायक शोधार्थी लियू जोंग्यी ने लेख में लिखा है, कुछ चीनी विद्वानों का कहना है कि भारत को अभी भी पोत के लिए महत्वपूर्ण तकनीक हासिल करनी हैं और वह पोत की मरम्मत और उसमें सुधार के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहेगा। उन्होंने कहा, लेकिन यह भी सच है कि कई देश आधुनिक हथियार विकसित करने में भारत की मदद कर रहे हैं। वह ऐसा सिर्फ लाभ के लिए नहीं बल्कि चीन की शक्ति को संतुलित करने के लिए भी कर रहे हैं। लेख में दावा किया गया है, भारत पश्चिमी देशों के इरादों से अच्छी तरह वाकिफ है। भारत के कुछ नेता और मीडिया संगठन चीन को रोकने के लिए जानबूझकर भारतीय सेना को बेहतर बनाने की भूमिका पर जोर देते रहते हैं। वे पारंपरिक शक्तिओं को खुश करने के लिए ऐसा करते हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 21, 2013, 19:28

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