Last Updated: Thursday, January 17, 2013, 10:32

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा से जुड़ी चिंताओं के निवारण और नौ साल पुराने संघर्ष विराम को बहाल करने के लिए भारत के साथ बातचीत की पेशकश की है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने अपने भारतीय समकक्ष सलमान खुर्शीद से इस संबंध में बातचीत का प्रस्ताव रखा। संघर्ष विराम 2003 से अमल में है।
हिना ने कहा कि सीमापार से सेना और राजनीतिक नेतृत्व की ओर से भड़काउ बयान देने और तनाव बढ़ाने की बजाय दोनों देशों के लिए यही सुझाव है कि वे नियंत्रण रेखा से संबंधित सभी मुद्दों पर बातचीत करें। संभव हो कि यह बातचीत विदेश मंत्री के स्तर पर हो जिससे समाधान निकाला जा सके। उन्होंने देर शाम एक बयान में कहा कि बयानबाजी और तनाव बढ़ाने के निश्चित तौर पर दुष्परिणाम होते हैं।
बीते 10 दिनों से संघर्ष विराम के लगातार उल्लंघन से नियंत्रण रेखा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। संघषर्विराम के उल्लंघन में भारत के दो और पाकिस्तान के तीन सैनिक मारे गए हैं। पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा कि दिन में दोनों पक्षों के सैन्य अभियान महानिदेशकों ने फोन पर बात की और नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने की जरूरत पर सहमति जताई।
हिना रब्बानी ने कहा कि पाकिस्तान और भारत दक्षिण एशिया के महत्वपूर्ण देश हैं और वे संवाद के जरिए सभी चिंताओं का निवारण करते हुए शांति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी का परिचय दें।
उन्होंने कहा कि भारत में मीडिया और कुछ नेताओं की ओर से लगातार आ रहे नकारात्मक बयानों से पाकिस्तान हतप्रभ और निराश है। इस्लामाबाद ने अपने सार्वजनिक बयानों में संतुलन और जानबूझकर आत्म-संयम रखा है। यह क्षेत्र की शांति के हितों को देखते हुए किया गया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि हमने बातचीत की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर निवेश किया है और पूरी उर्जा के साथ इस संवाद प्रक्रिया को स्थायी एवं रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ाने के लिए किया है। भारत के साथ रचनात्मक संबंध बनाने के लिए पाकिस्तान ने काफी आगे तक कदम उठाए हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 17, 2013, 08:22