Last Updated: Sunday, June 23, 2013, 15:16
लाहौर : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पहली कक्षा से आगे के छात्रों को पढ़ाने के लिए अंग्रेजी माध्यम के इस्तेमाल पर दक्षिणपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि यह आने वाली पीढ़ियों को ‘अशिक्षा के अंधकार’ में धकेल देगी। जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सैयद मुनव्वर हसन ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी नौ करोड़ आबादी वाले राज्य पंजाब में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा का विरोध करेगी।
पंजाब सरकार ने हाल ही में पहली कक्षा से आगे के छात्रों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने की घोषणा की थी। हसन का कहना है कि सरकार का यह फैसला ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों और शिक्षकों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है।
हसन ने कहा, पंजाब में शाहबाज शरीफ (मुख्यमंत्री) की सरकार सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और दूसरी वित्तीय संस्थाओं से कर्ज हासिल करने के लिए आने वाली पीढ़ियों को अज्ञानता के अंधकार में धकेल रही है। हालांकि राज्य के निवासियों का कहना है कि वह यह नहीं समझ पा रहे कि अंग्रेजी माध्यम में विभिन्न विषयों की पढ़ाई करने से आने वाली पीढ़ियां अज्ञानता के अंधकार में कैसे डूब सकती हैं।
हसन आगे कहते हैं कि अधिकतर देशों में मातृ या राष्ट्रीय भाषा में ही शिक्षा दी जाती है और अय्यूब खान के शासन के दौरान गठित हमदुर रहमान आयोग ने भी उर्दू माध्यम में प्राथमिक शिक्षा देने की सिफारिश की थी, जिसे लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जमात को अंग्रेजी भाषा की पढ़ाई पर आपत्ति नहीं है, लेकिन अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाए जाने से छात्रों और शिक्षकों को समस्या होगी। हसन ने कहा, पंजाब सरकार ने अगर अपनी प्रस्तावित योजना वापस नहीं ली तो फिर हम इसके खिलाफ जन आंदोलन चलाएंगे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 23, 2013, 15:16