Last Updated: Friday, June 21, 2013, 00:07
काबुल : अफगानिस्तान की सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी की ओर से किए गए वादे को पूरा करने की स्थिति में राष्ट्रपति हामिद करजई तालिबान के साथ होने वाली शांति वार्ता में शामिल हो सकते हैं।
कतर में तालिबान का दफ्तर खोले जाने के बाद अमेरिका और अफगानिस्तान के रिश्ते में तल्खी आ गई है। दोहा में तालिबान का दफ्तर खुलने के बाद अफगान सरकार की ओर से कड़ा तेवर दिखाने के बाद से करजई और अमेरिकी विदेश मंत्री कैरी के बीच फोन पर दो बार बातचीत हुई।
तालिबान के इस दफ्तर को ‘इस्लामिक एमिरेट ऑफ अफगानिस्तान’ नाम दिया गया है। यही नाम 1996-2001 में तालिबान सरकार का था। करजई प्रशासन को मुख्य आपत्ति इसी नाम को लेकर है। अफगान सरकार के प्रवक्ता फायेक वहीदी ने कहा कि कैरी ने वादा किया है कि तालिबान के दफ्तर से तालिबानी झंडा और नेमप्लेट हटाई जाएगी तथा अमेरिकी सरकार अफगान सरकार का समर्थन करने को लेकर एक औपचारिक पत्र जारी करेगी।
उन्होंने कहा कि इस वादे को पूरा होने की स्थिति में बातचीत की प्रक्रिया में शामिल होने में कोई परेशानी नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 21, 2013, 00:07