Last Updated: Wednesday, August 1, 2012, 17:46
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के रक्षा प्रतिष्ठान ने सरकार ने मांग की है कि वह ‘पाकिस्तान के खिलाफ भारत के शत्रुतापूर्ण एजेंडे’ को नियंत्रित करने के लिए अवैध भारतीय चैनलों को यथाशीघ्र बंद करे ।
मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक, रक्षा प्रतिष्ठान ने ‘भारतीय दुष्प्रचार के हमले’ पर ‘पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकार’ और सूचना मंत्रालय से लगातार ‘गंभीर चिंता’ जाहिर की है, विशेष तौर पर उन कार्यक्रमों पर जो युवा पीढ़ी, पाकिस्तानी संस्कृति और राष्ट्रवाद को निशाना बनाते हैं ।
‘द न्यूज डेली’ ने सूचना मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा है कि रक्षा प्रतिष्ठान अवैध टीवी चैनलों के माध्यम से भारत के कथित ‘पाकिस्तान और उसके प्रतिष्ठानों के खिलाफ शत्रुतापूर्ण एजेंडे’ के बारे में भी चिंता जताई है ।
रक्षा मंत्रालय प्रतिबंधित भारतीय कार्यक्रमों का प्रसारण करने वाले चैनलों को तुरंत बंद करवाने के लिए वर्ष 2008 से अभी तक तीन बार ‘पीईएमआरए’ और सूचना मंत्रालय के कह चुका है । उसका कहना है कि अर्थव्यवस्था के बारे में बहुत ज्यादा विचार किए बगैर इन चैनलों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय हित के विरूद्ध जा सकते हैं।
खबर में एक आधिकारिक पत्र के हवाले से लिखा गया है, भारत के शत्रुतापूर्ण एजेंडे को पाकिस्तान के कमजोर निगरानी और क्रियान्वयन प्रणाली के कारण लाभ मिल रहा है । पत्र में कहा गया है कि इन चैनलों ने पाकिस्तान के सभी शहरों में गहरी पैठ बना ली है ।
प्राधिकार को एक पत्र जुलाई 2009 में और एक अन्य पत्र दिसंबर 2011 में मिला है । खबर के अनुसार, प्राधिकार को तीसरा पत्र इस वर्ष के आरंभ में मिला जिसमें स्थिति के प्रति ‘गंभीर चिंता’ जताई गई है ।
रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने सम्बद्ध प्राधिकार को कई मौकों पर सूचित किया है कि केबल ऑपरेटर भारतीय चैनलों का प्रसारण कर रहे हैं। पाकिस्तान में मीडिया के लिए मौजूदा कानून मीडिया को ऐसे किसी भी कार्यक्रम का प्रसारण करने से रोकता है जो ‘मूलभूत सांस्कृतिक मूल्यों, नैतिकता और अच्छे व्यवहार के खिलाफ हों’ और जिनमें ‘पाकिस्तान की विचारधारा के खिलाफ कोई भी सामग्री हो।
पत्र में दावा किया गया है कि भारतीय मनोरंजन चैनल एक ‘छुपा हुआ दुष्प्रचार अभियान’ चला रहे हैं जो विशेष तौर पर युवा पीढ़ी, संस्कृति और राष्ट्रवाद को निशाना बना रहा है । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 1, 2012, 17:46