Last Updated: Wednesday, December 28, 2011, 09:42
नई दिल्ली : अब रूस में भारतीय महाकाव्य श्रीमदभागवत गीता पर प्रतिबंध नहीं लगेगा। रूस की एक अदालत ने बुधवार को श्रीमदभगवद् गीता के अनुवादित संस्करण पर पाबंदी लगाने संबंधी एक याचिका को खारिज कर दिया। इस मामले को लेकर खासा विवाद खड़ा हो गया था।
साइबेरिया के तोमस्क शहर की एक अदालत ने इस पूरे मामले पर आज फैसला सुनाया। यहां पवित्र गीता को ‘चरमपंथी साहित्य’ बताए जाने से पूरा विवाद खड़ा हुआ। यहां प्राप्त जानकारी के अनुसार साइबेरिया की अदालत ने यह याचिका खारिज कर दी है।
हिंदू काउंसिल फार रशिया के प्रमुख और इस्कॉन से ताल्लुक रखने वाले साधु प्रिय दास ने बताया कि इस मामले में हमें जीत मिली है। न्यायाधीश ने याचिका खारिज कर दी है।
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने अदालती सुनवाई की पूर्व संध्या पर दिल्ली में रूस के राजदूत अलेक्सांद्र काकादिन को इस मामले को लेकर तलब किया था। इस दौरान भारत ने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले को हल करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाना चाहिए।
हिदुओं ने अपील की थी कि पहले देश की मानवाधिकार समिति मामले में सुनवाई करे। इसके बाद अदालत ने 19 दिसम्बर को सुनवाई बुधवार तक स्थगित कर दी थी।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, December 29, 2011, 11:21