अभी खतरे से बाहर नहीं मलाला

अभी खतरे से बाहर नहीं मलाला

अभी खतरे से बाहर नहीं मलालालंदन : बालिका शिक्षा के लिए आवाज बुलंद करने के चलते तालिबान के हमले में गंभीर रूप से घायल पाकिस्तानी किशोरी मलाला यूसुफजई का इलाज कर रहे डॉक्टर उसकी मजबूती और बुरी सेहत से उबरने की क्षमता से काफी प्रभावित हैं। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि वह अब भी खतरे से बाहर नहीं कही जा सकती।

मलाला का इलाज कर रहे बर्मिंघम के क्वीन ऐलिजाबेथ अस्पताल में मेडिकल निदेशक डॉ. डेविड रॉसर ने कहा कि वह बेहतर प्रगति कर रही है लेकिन अब भी उसे अपनी तबीयत के बाबत काफी लंबा सफर तय करना है।

गौरतलब है कि 14 साल की मलाला को पिछले मंगलवार को एक तालिबान हमलावर ने उसके सिर में गोली मार दी थी जिसके बाद से वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी।

सोमवार शाम मलाला को बेहतर इलाज के लिए हवाई एंब्यूलेंस से क्वीन ऐलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया था। डॉ. रॉसर ने कहा कि मलाला का इलाज कर रही विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम उसकी तबीयत में सुधार से खुश है।

उन्होंने बताया, अभी काफी लंबा सफर तय करना है और वह अब भी खतरे से बाहर नहीं है। लेकिन इस समय हम इस बात को लेकर आशान्वित हैं कि चीजें सही दिशा में जा रही हैं।

मलाला की हालत में एक बार पर्याप्त सुधार हो जाए तो उसे न्यूरोलॉजिकल मदद की जरूरत होगी। इसके अलावा उसके सिर के पिछले हिस्से में जिन हड्डियों को नुकसान पहुंचा है उसके इलाज की भी दरकार होगी। हमले के वक्त जिस स्कूल बस में मलाला सवार थी उसमें उसके दोस्तों के सामने उसे गोली मारी गई थी।

मलाला पर हुए हमले को ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने ‘बर्बर हमला’ करार दिया था। जिस वक्त मलाला ने शिक्षा के अधिकार के लिए लड़ना शुरू किया उस वक्त वह महज 11 साल की थी। उसने लिखा है, मैंने एक ऐसे मुल्क का सपना देखा है जहां तालीम का राज होगा।

पिछले मंगलवार को स्वात घाटी के मिंगोरा में मलाला और उसके स्कूल में पढ़ने वाले दो और बच्चों को तालिबान ने गोली मार दी थी ।

मलाला की ओर से लिखे ब्लॉग को सबसे पहले बीबीसी उर्दू की ओर से प्रकाशित किया गया था। इस ब्लॉग में मलाला ने पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान के अत्याचारों के बारे में लिखा था। मलाला के इस लेख के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे सराहा गया।

साल 2011 में मलाला को पाकिस्तान का पहला शांति पुरस्कार प्रधानमंत्री के हाथों दिया गया। सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भी मलाला की बहादुरी को सलाम किया था।

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि क्वीन ऐलिजाबेथ अस्पताल में बहु-विशेषज्ञता प्राप्त कई डॉक्टरों ने मलाला की हालत का जायजा लिया है। अधिकारियों के मुताबिक मलाला ने एक ‘सहज रात’ गुजारी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 16, 2012, 22:35

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