Last Updated: Thursday, November 17, 2011, 05:12
इस्लामाबाद: भारत को व्यापार में सबसे पसंदीदा देश (एमएफएन) का दर्जा दिए जाने के मामले में पाकिस्तान ने एक बार फिर से कुछ असमंजस भरा संकेत दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने अपने देश के सांसदों से कहा है कि इस बारे में अभी फैसला किया जाना है और इस पर द्विपक्षीय वार्ता होगी।
देश के सूचना मंत्री फिरदौस अवान ने हाल में एक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की थी कि मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से भारत को एमएफएन का दर्जा देने को मंजूरी दी है।
गिलानी ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सदस्यों के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि भारत को एमएफएन की सुविधा देने के मामले में जनता और संसद को भरोसे में लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मंत्रिमंडल ने एकमत से वाणिज्य मंत्रालय को भारत के साथ व्यापारिक संबंध सामान्य बनाने के बारे में बातचीत आगे बढ़ाने की अनुमति दी है।’
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के वाणिज्य सचिवों की नई दिल्ली में बैठक हुई है, पर अभी तक एमएफएन पर निर्णय नहीं लिया जा सका है। गिलानी ने कहा, ‘नतीजा आने दीजिए, हम पूरे देश को इसकी जानकारी देंगे और साथ ही संसद को भरोसे में लेंगे। कोई निर्णय होने से पहले हम उस पर भरोसा कैसे लिया जा सकता है। फैसला अभी होना है।’
गिलानी और अन्य नेताओं ने बाद में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि मंत्रिमंडल ने भारत के साथ व्यापारिक संबंधों के सामान्यीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है और यह अंतत: एमएफएन के दर्जे की ओर ले जाएगी। दिल्ली में इसी सप्ताह हुई वाणिज्य सचिवों की बैठक में पाकिस्तान ने भारत से 7,000 से अधिक उत्पादों पर अगले तीन माह के दौरान अपने बाजार को खोलने की सहमति दी थी। साथ ही उसने भारत को 2012 के अंत तक महत्वपूर्ण एमएफएन का दर्जा दिए जाने का भी वादा किया था।
मालदीव में 10-11 नवंबर को दक्षेस शिखर बैठक के दौरान भी गिलानी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बातचीत में एमएफएन के मसले पर सकारात्मक संकेत दिया था।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 17, 2011, 22:10