Last Updated: Friday, September 21, 2012, 17:10

वॉशिंगटन : पाकिस्तान जल्द ही अमेरिका और अफगानिस्तान के साथ आतंकवाद से निपटने के लिए रिश्तों में सुधार पर बातचीत करेगा।
पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने यह भी कहा कि बातचीत में पाकिस्तान स्थित हक्कानी नेटवर्क को लेकर गलतफहमियां दूर करने की कोशिश भी की जाएगी। अमेरिका हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा समझता है। बहरहाल, खार ने यह बताने से इंकार कर दिया है कि क्या उनकी सरकार हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के लिए तैयार है।
एक साक्षात्कार में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि तीनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सहयोग में सुधार के लिए रणनीति बनाए। आतंकवाद के खिलाफ सहयोग में पिछले डेढ़ साल के दौरान अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों में आए तनाव का असर पड़ा है। तनाव का कारण सीआईए के एक अनुबंधकर्ता के हाथों दो पाकिस्तानियों की मौत, पाकिस्तान में छिपे ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए अमेरिका की एकतरफा कार्रवाई तथा नवंबर में नाटो बलों के दुर्घटनावश हुए हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत आदि घटनाएं थीं।
बातचीत पर मुख्य रूप से इसपर ध्यान दिया जाएगा कि क्या उग्रवादी समूहों को अफगान शांति समझौते के तहत हथियार डालने के लिए समझाया जा सकता है। गौरतलब है कि अगले दो साल में अमेरिका अपनी फौजों को वापस बुलाने जा रहा है। पिछले साल पाकिस्तान की शीर्ष राजनयिक नियुक्त किए जाने के बाद अपने पहले आधिकारिक दौरे पर वाशिंगटन गईं खार ने कहा ‘यह पता लगाने का संयुक्त प्रयास होगा कि खतरा कौन है, हमें इससे कैसे निपटना है और हम यह कैसे करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘शांति और स्थिरता के लिए खतरा पैदा करने वाली ताकतों से निपटने के लिए हम किसी के साथ भी काम करना चाहेंगे।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, September 21, 2012, 17:10