Last Updated: Monday, December 12, 2011, 04:14
इस्लामाबाद : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने रविवार को कहा कि उनका देश अफगानिस्तान के वास्ते आपूर्ति काफिलों का रास्ता अभी कई सप्ताह तक बंद रख सकता है। इसके अलावा वह अमेरिका के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने की बात भी खारिज नहीं करेगा।
गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच अभी भी ‘विश्वास की कमी’ है और दोनों पक्षों को विश्वास विकसित करने की आवश्यकता है।
पाकिस्तान ने गत महीने नाटो के हवाई हमले में अपने 24 सैनिकों के मारे जाने के विरोध में नाटो काफिलों को रोकने के साथ ही अमेरिका से कहा था कि वह उसके शम्सी हवाई ठिकाने को खाली कर दे। अमेरिका कथित रूप से शम्सी हवाई ठिकाने का इस्तेमाल सीआईए संचालित ड्रोन विमानों के लिए करता था। गिलानी ने कहा कि नाटो के काफिलों का रास्ता अभी कई सप्ताह तक बंद रखा जा सकता है। उन्होंने इसके साथ ही अमेरिका के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को बंद किए जाने को भी खारिज करने से इनकार कर दिया।
यह पूछे जाने पर कि क्या नाटो का हमला जानबूझकर और पूर्वनियोजित था, गिलानी ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है।’ उन्होंने कहा कि पकिस्तान और अमेरिका को एकदूसरे पर बेहतर ढंग से विश्वास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमें अपने संबंध में सुधार करने की आवश्यकता है। बेहतर परिणाम के लिए हमें एकदूसरे पर और विश्वास होना चाहिए।’ अफगानिस्तान में तैनात नाटो बल अपने आधी आपूर्ति के लिए पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से होने वाली आपूर्ति पर निर्भर हैं। इस आपूर्ति रास्ते को पाकिस्तान की ओर से बंद किये जाने के बाद सीमा पर सैकड़ों कंटेनर ट्रक और तेल टैंकर खड़े हैं।
गिलानी ने साथ ही कहा कि वह पाकिस्तानी केबल आपरेटरों की ओर से बीबीसी वर्ल्ड न्यूज को बंद करने की जांच करेंगे। आपरेटरों का कहना है कि उन्होंने यह कदम बीबीसी के वृत्तचित्र ‘सीक्रेट पाकिस्तान’ के प्रसारण के बाद उठाया है जिसमें कथित रूप से यह दावा किया गया था कि आईएसआई अफगान तालिबान सहित कई आतंकवादी समूहों को प्रशिक्षण के साथ ही उनके प्रशिक्षण को सहायता मुहैया करा रही है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 12, 2011, 11:41