Last Updated: Wednesday, July 4, 2012, 21:04

इस्लामाबाद : विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि पिछले सात महीने से जारी अफगानिस्तान में नाटो बलों के लिए रसद आपूर्ति मार्ग की नाकेबंदी खत्म करने के लिए उनके देश का अमेरिका से कोई ‘गुप्त समझौता’ नहीं हुआ है। उन्होंने दावा किया कि सुपरपावर को अपने पुराने रुख से पीछे हटना पड़ा।
खार का बयान मंत्रिमंडल द्वारा बीती रात रसद आपूर्ति मार्गो को दोबारा खोलने के लिए रक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के फैसले को औपचारिक तौर पर मंजूरी देने के बाद आया है। नाटो बलों द्वारा पिछले साल किए गए हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत के बाद पाकिस्तान ने पिछले साल नवंबर में इस मार्ग को बंद कर दिया था।
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन द्वारा नाटो हमले के लिए माफी मांगे जाने के बाद डीसीसी की एक बैठक में आपूर्ति मार्ग को दोबारा खोलने का फैसला किया गया। प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने बैठक की अध्यक्षता की और सेना प्रमुख जनरल अश्फाक परवेज कयानी ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया था।
खार ने कहा कि आपूर्ति मार्गों को दोबारा खोलकर अमेरिका के साथ संबंधों को दुरुस्त करने के लिए संसद की संयुक्त बैठक में पारित प्रस्ताव से सरकार नहीं भटकी है। उन्होंने मीडिया से कहा कि अमेरिका ने औपचारिक तौर पर पाकिस्तान से माफी मांग ली और दोनों पक्षों के बीच कोई गुप्त समझौता या सौदा नहीं हुआ है।
खार ने कहा कि पाकिस्तान ने करीब आठ महीने अफगानिस्तान में विदेशी बलों के लिए रसद आपूर्ति मार्ग को बंद कर दिया था। उन्होंने कहा कि इसके जरिए अमेरिका को संदेश दिया गया कि पाकिस्तान लक्ष्मण रेखा को पार नहीं करे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 4, 2012, 21:04