Last Updated: Saturday, January 21, 2012, 12:32
न्यूयार्क : अफगानिस्तान के अधिकारी अमेरिका के साथ तालिबान के संभावित ‘गुप्त समझौते’ को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उन्हें ‘शांति वार्ता’ की दिशा के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। साथ ही उन्हें यह भी नहीं पता है कि इस समझौते में पाकिस्तान शामिल होगा या नहीं।
अमेरिका के लिए तालिबान के साथ प्रारंभिक बातचीत के लिए जमीन तैयार की जा रही है। तालिबान ने कतर में एक राजनीतिक कार्यालय खोलने की घोषणा की थी। न्यूयार्क टाइम्स की खबर के मुताबिक, बहरहाल अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई के चीफ ऑफ स्टाफ अब्दुल करीम खुर्रम ने तालिबान के साथ बातचीत में अमेरिका की भूमिका को लेकर चिंता जाहिर करते हुए शिकायत की कि अफगान अधिकारियों को पूरी सूचनाएं नहीं दी जा रहीं हैं।
उन्होंने इस बात को लेकर भी चिंता जताई की तालिबान अमेरिका के साथ एक ‘गुप्त समझौता’ कर सकता है। खुर्रम ने कहा, ‘हमारी अमेरिकी अधिकारियों से रोज बातचीत होती है लेकिन हमें सभी बातों के बारे में पता नहीं है। हमें और स्पष्टता चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि अफगान नागरिक ‘वार्ता’ में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में भी जानना चाहते हैं।
खुर्रम ने कहा ‘हमने अमेरिकियों से पूछा कि क्या पाकिस्तान इस प्रक्रिया का हिस्सा होगा। उन्होंने हमें इसका कोई तर्कसंगत जवाब नहीं दिया।’ उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के विशेष अमेरिकी दूत मार्क ग्रॉसमेन का पाकिस्तान यात्रा को रद्द करना भी शांति प्रक्रिया के लिए अच्छा शगुन नहीं था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 21, 2012, 18:02