Last Updated: Thursday, January 5, 2012, 13:38

वाशिंगटन : अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर भारत का नया मानचित्र डाल दिया है जिसमें देश की भौगोलिक सीमाओं पर उसके दीर्घकालिक रुख को दर्शाया गया है। उसने स्वीकार किया कि उससे पहले गडबडी हो गयी थी जिसका भारत ने जोरदार विरोध किया था।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने बुधवार शाम दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमने गड़बड़ की थी और हमने इसे सुधार लिया है और अब हम अपनी मानचित्र निर्माण नीति के अनुरूप हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय और उसकी यात्रा से संबंधित साइटों पर भारत का नया और संशोधित मानचित्र डालने की घोषणा करने के साथ ही उन्होंने यह बयान दिया।
पहले विवादास्पद मानचित्र में जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्से को पाकिस्तान के हिस्से के तौर पर दिखाया गया था। उसे भारत की कड़ी आपत्ति के बाद विदेश मंत्रालय ने नवंबर में हटा लिया था। भारत का कहना है कि समूचा जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
नूलैंड ने कहा, हम आपको यह बात बताकर रोमांचित और राहत महसूस कर रहे हैं कि हमने अपनी वेबसाइट पर संशोधित मानचित्र डाल दिया है। उन्होंने कहा, आप इन मानचित्रों को देखेंगे तो पाएंगे कि वे इस तथ्य को दर्शाते हैं कि अमेरिका विवाद पर कोई रुख नहीं अपनाता और सभी पक्षों से अपील करता है कि वे दावों के समाधान के लिए शांतिपूर्ण समाधान निकालें।
नूलैंड ने कहा, मानचित्र में आप देखेंगे कि यह अमेरिका का जो भौगोलिक रुख रहा है उसके अनुरूप है जिसमें 1972 की नियंत्रण रेखा को टूटी रेखा से दर्शाया गया है जो कश्मीर के अनसुलझे दर्जे को दर्शाता है। उन्होंने कहा, मानचित्र के पिछले दौर में उस बिंदु रेखा पर हमने चिप्पी नहीं लगायी। अब उसपर चिप्पी डाल दी गयी है।
मानचित्र में कश्मीर के संबंध में हमारी मानक घोषणा (डिस्क्लेमर) भी जोड़ी गई है जिसमें कहा गया है कि प्रदर्शित नाम और सीमा आधिकारिक हों यह जरूरी नहीं है। जैसा मैंने कहा कि यह इस तथ्य को दर्शाता है कि यह विवादास्पद है और अमेरिका विवाद पर कोई रुख नहीं अपनाता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 6, 2012, 10:11