Last Updated: Monday, July 1, 2013, 19:04

लंदन/ वाशिंगटन : अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने वाशिंगटन स्थित जिन 38 देशों के दूतावासों की जासूसी की, उनमें भारतीय दूतावास भी शामिल था। एडवर्ड स्नोडेन द्वारा लीक दस्तावेजों में यह दावा किया गया है।
लंदन स्थित समाचार पत्र ‘द गार्जियन’ ने लीक गई रिपोर्ट के हवाले से खबर दी है कि अमेरिका जासूसी के लिए व्यापक तरकीबों का इस्तेमाल कर रहा था।
अखबार ने कहा, ‘एक दस्तावेज में 38 दूतावासों का जिक्र है जिनके निशाने पर होने की बात की गई है।’ उसने कहा, ‘हर निशाने (दूतावास) के खिलाफ जासूसी के व्यापक तरकीबें अपनाई गईं। इनमें इलेक्ट्रानिक संचार की जासूसी से लेकर विशेष एंटीना के साथ ट्रांसमिशन संबंधी केबल में सेंध लगाना शामिल था।’
अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, यूनान के दूतावासों के साथ ही जापान, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, भारत और तुर्की के दूतावास इस फेहरिस्त में शामिल हैं।’ इसमें कहा गया, ‘सितंबर, 2010 के दस्तावेज से जो सूची सामने आई है उसमें ब्रिटेन, जर्मनी और पश्चिमी यूरोपीय देशों का जिक्र नहीं है।’
स्नोडेन की ओर से लीक दस्तावेजों के जरिए एनएसए के जासूसी कार्यक्रम को लेकर रोजाना नए नए खुलासे हो रहे हैं। इससे पहले जर्मन समाचार पत्रिका ‘डेर स्पेगल’ ने स्नोडेन द्वारा लीक दस्तावेजों के हवाले से ही खुलासा किया था कि एनएसए ने वाशिंगटन और न्यूयार्क स्थित यूरोपीय संघ के दूतावासों तथा वाणिज्य दूतावासों की जासूसी की थी तथा ब्रसेल्स में उसके कार्यालय के कम्यूटर नेटवर्क को भी निशाना बनाया था।
एनएसए के पूर्व कांट्रैक्टर स्नोडेन ने अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जासूसी कार्यक्रम का भंडाफोड़ किया है। ऐसा करने के बाद वह अमेरिका से भाग गए और फिलहाल मास्को के हवाई अड्डे पर हैं। वह इक्वाडोर में शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 1, 2013, 19:04