'अमेरिका से रिश्तों की नई हद तय करेगा पाक' - Zee News हिंदी

'अमेरिका से रिश्तों की नई हद तय करेगा पाक'

न्यूयार्क: अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्तों आई तल्खी के एक साल बाद अमेरिकी अधिकारी अब आतंकवाद के खिलाफ अपने इस सहयोगी देश के साथ रिश्तों की नयी हद तय करने में जुटे हैं । इस कदम के तहत अमेरिका पाकिस्तान के साथ आतंकवाद विरोधी गठबंधन को सीमित करेगा । इसमें आतंकवादियों के खिलाफ चुनिंदा ड्रोन हमले होंगे और सहायता राशि में भी कमी की जाएगी।

 

न्यूयार्क टाइम्स ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘ अमेरिका इस सचाई का सामना कर रहा है कि उसकी पाकिस्तान के साथ व्यापक सुरक्षा भागीदारी का समय समाप्त हो चुका है । ऐसे में अमेरिकी अधिकारी एक बेहद सीमित मात्रा में आतंकवाद विरोधी गठबंधन को बचाने के प्रयासों में जुटे हैं । हालांकि उन्हें एहसास है कि इससे आतंकवादियों के खिलाफ हमले करने की उनकी क्षमता पेचीदा हो जाएगी और अफगानिस्तान में आपूर्ति भी प्रभावित होगी।’

 

न्यूयार्क टाइम्स ने अमेरिकी और पाक अधिकारियों के हवाले से कहा है कि इस सीमित गठबंधन के तहत अमेरिका को अपने ड्रोन हमलों को सीमित करना होगा, जमीनी स्तर पर अपने सैनिकों और जासूसों की संख्या घटानी होगी तथा पाकिस्तान के जरिए अफगानिस्तान में गठबंधन सैनिकों के लिए आपूर्ति के लिए अधिक प्रयास करने होंगे ।

 

अधिकारियों ने बताया है कि इस नए कदम के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता में भी कमी होगी। 

 

अंग्रेजी दैनिक ने एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया , ‘ हमने 9/11 के बाद के अध्याय को बंद कर दिया है ।’ उन्होंने कहा, ‘ पाकिस्तान ने हमें बेहद स्पष्ट रूप से बताया है कि वह पूरे संबंधों की नए सिरे से समीक्षा कर रहा है ।’
उधर विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग क्यू के महासचिव मुशाहिद हुसैन ने कहा, ‘ हम महसूस करते हैं कि अमेरिका पाकिस्तान को जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करता है ।’ उन्होंने एक प्रकार से अमेरिका के खिलाफ पाकिस्तानी जनता के गुस्से का इजहार किया।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए विशेष दूत रिचर्ड हालब्रुक के जमाने से चले आ रहे घनिष्ठ कूटनीतिक संबंधों के विपरीत अब दोनों देशों के अधिकारी सिर्फ बेहद महत्वपूर्ण मसलों पर ही आपसी सहयोग को सीमित करेंगे ।

 

इनमें आतंकवाद से मुकाबला, अफगानिस्तान में स्थिरता और एक हजार से अधिक पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है । इसमें भी पाकिस्तान चाहेगा कि नए संबंधों की परिभाषा को लिखित में तय किया जाए ।

 

अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में कड़वाहट के दौर की शुरूआत सीआईए सुरक्षा एजेंट द्वारा जनवरी में लाहौर में दो पाकिस्तानी नागरिकों को गोली मारे जाने की घटना से हुई थी। दोनों देशों के संबंधों में ऐबटाबाद की घटना ने ताबूत में आखिरी कील ठोंकने का काम किया । अमेरिकी नेवी सील्स कमांडो के बिना किसी पूर्व घोषणा के ऐबटाबाद में घुसकर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को मई में मार गिराने की घटना ने संबंधों को पूरी तरह पटरी से उतार दिया।

 

उसके बाद नाटो द्वारा सीमाई इलाकों में किए गए हवाई हमलों में दो दर्जन से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने से स्थिति और बिगड़ गयी।  (एजेंसी)

First Published: Monday, December 26, 2011, 16:02

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