अमेरिकी गवर्नरों ने ओबामा से कहा- मनमोहन के समक्ष उठाएं व्यापार मुद्दे

अमेरिकी गवर्नरों ने ओबामा से कहा- मनमोहन के समक्ष उठाएं व्यापार मुद्दे

अमेरिकी गवर्नरों ने ओबामा से कहा- मनमोहन के समक्ष उठाएं व्यापार मुद्दे वाशिंगटन: अमेरिका के 14 प्रांतीय गवर्नरों के एक द्विदलीय समूह ने राष्ट्रपति बराक ओबामा से आग्रह किया है कि वह व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ कल होने वाली बैठक में अमेरिकी रोजगारों के लिए खतरा बन रही भारत की कथित अनुचित व्यापार नीतियों का मुद्दा उठाएं।

इस समूह ने ओबामा को लिखी एक चिट्ठी में आरोप लगाया है कि भारतीय नीतियों से विदेशी कंपनियों के साथ भेदभाव हो रहा है, जिससे व्यवसायों में उचित प्रतिस्पर्धा की क्षमता बाधित हो रही है, जो अंतत: अमेरिकी निर्यात और नौकरियों के लिए खतरा बन रही है।

गवर्नरों ने 24 सितंबर को यह चिट्ठी लिखी थी, जिससे कल शाम मनमोहन सिंह के वाशिंगटन पहुंचने पर मीडिया को जारी किया गया। इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक आर्थिक नेता के तौर पर भारत की भूमिका को देखते हुए हमारी यह चिंता है कि भारत की नीतियों का अन्य राष्ट्रों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

इस चिट्ठी पर कन्सास के गवर्नर सैम ब्राउनबैक, पेंसिलवेनिया के टॉम कोर्बेट, जॉर्जिया के नैथन डील, ओकलाहोमा की मैरी फैलिन, टेन्नेसी के बिल हैसलम, कोलोराडो के जॉन हिकेनलूपर, वाशिंगटन के जे इंसली, ओहायो के जॉन आर कैसिच, मायने के डैनियल पी मैलॉय सहित कुल 16 प्रांतों के गवर्नरों के हस्ताक्षर हैं।

हिकेनलूपर और फैलिन नेशनल गवर्नर एसोसिएशन के सहअध्यक्ष हैं। यह चिट्ठी लिखने वालों में कई ऐसे नेता भी शामिल हैं, जो हाल के दिनों में भारत आए व्यापार मिशनों का नेतृत्व कर चुके है।

भारतीय आर्थिक नीतियों के खिलाफ व्यापक प्रचार अभियान चला चुके निर्माताओं के राष्ट्रीय संघ ने बेहद कड़े शब्दों में लिखी गई इस चिट्ठी का स्वागत किया है। एनएएम ने इस प्रचार अभियान में पॉलिटिको, द वॉल स्ट्रीट जरनल, द फाइनेंशियल टाइम्स, रॉल कॉल और द हिल जैसे प्रमुख समाचार पत्रों और डलेस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर विज्ञापन के अलावा विभिन्न प्रभावशाली प्रकाशनों में सूक्ष्म लक्षित डिजिटल विज्ञापन प्रकाशित कराये थे।

एनएएम की अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मामलों की उपाध्यक्ष लिंडा डेम्पसी ने कहा कि अमेरिका में रोजगार एवं निर्माण के प्रति भारत के बढ़ते भेदभाव को खत्म करने के लिए द्विपक्षीय समूह के गवर्नरों को एक साथ खड़ा होते देखना उत्साहवर्धक है। उन्होंने कहा कि भारती की सुरक्षात्मक नीतियों को बदलने का दबाव बनाने के लिए राष्ट्रपति को तत्काल कोई कदम उठाना चाहिए। हम अपनी नौकरियों और आर्थिक विकास को खतरे में नहीं डाल सकते। इससे पहले व्हाइट हाउस ने भी कल संकेत दिया था कि वह प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठक में यह मुद्दा उठाएगा और भारत से अधिक आर्थिक सुधारों की मांग करेगा। (एजेंसी)



First Published: Thursday, September 26, 2013, 09:57

comments powered by Disqus