Last Updated: Wednesday, November 21, 2012, 11:40
न्यूयार्क : एफबीआई ने बीते अगस्त माह में विस्कोन्सिन गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच पूरी कर ली और कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह हमला सिख समुदाय पर आसन्न किसी खतरे का हिस्सा था।
एफबीआई के मिलवाउकी प्रखंड की विशेष एजेंट टेरेसा कार्लसन ने कल जांच के निष्कर्ष बताते हुए कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि यह हमला सिख समुदाय पर आसन्न किसी खतरे का हिस्सा था। इस जांच में संकेत मिला है कि श्वेतों को सर्वश्रेष्ठ समझने वाले बंदूकधारी वेड माइकल पेज ने अकेले ही इस वारदात को अंजाम दिया था और इस हिंसक अपराध में उसके साथ कोई और शामिल नहीं था।
कार्लसन ने आगे कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि यह हमला श्वेतों को सर्वश्रेष्ठ समझने वाले किसी समूह ने करवाया हो। उन्होंने कहा कि अपनों को खो चुके सिख समुदाय के लोगों के दुख में हम उनके साथ हैं। समुदाय की सुरक्षा के लिए हम गुरूद्वारा के नेताओं और अपने कानून प्र्वतन सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
एफबीआई ने पिछले सप्ताह अपने मिलवाउकी प्रखंड में पीड़ितों और मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को जांच के परिणामों की जानकारी दी। जांच के दौरान ब्यूरो ने 200 सुराग जुटाए, 300 लोगों से पूछताछ की और 200 से ज्यादा सबूत इकट्ठे किए। इसके लिए उसने 30 एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया, जिसमें 27 स्थानीय, एक राज्य स्तर की और दो संघीय स्तर की एजेंसियां थीं। बीते पांच अगस्त की सुबह पेज ने गुरुद्वारे में पूजा के दौरान गोलियां चला दी थीं। इस गोलीबारी में छह सिख श्रद्धालु मारे गए और चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पेज ने ओक क्रीक के दो पुलिस अफसरों पर भी गोली चलाई थी। उनमें से एक अफसर गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके ठीक बाद दूसरे अफसर ने पेज को गोली मार दी थी।
इस घटना से अमेरिका में मौजूद बड़े भारतीय समुदाय समेत अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा स्तब्ध रह गए थे। उन्होंने पीड़ितों और उनके परिवार के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की थी। अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने गुरूद्वारे का दौरा किया था और इस गोलीबारी के प्रति अपनी चिंता तथा परिवारों के प्रति सहानुभूति जताने के लिए वे समुदाय के सदस्यों से मिली भी थीं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 21, 2012, 11:40