Last Updated: Tuesday, May 29, 2012, 21:39

यंगून : भारत और लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची के बीच बेहद उच्च स्तरीय संपर्क कायम करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज म्यांमार की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नेता से मुलाकात की और उन्हें संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से भारत यात्रा का निमंत्रण सौंपा। कई दशकों बाद मनमोहन सिंह म्यांमार की यात्रा पर आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने सू ची से करीब 45 मिनट तक बातचीत की।
प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा के अंतिम दिन संपन्न हुई इस मुलाकात में सिंह ने सू ची को सोनिया गांधी का भारत यात्रा का निमंत्रण सौंपा जिसमें उन्हें अगला जवाहर लाल स्मृति व्याख्यान देने की खातिर न्यौता दिया गया है ।
सैद्धांतिक रूप से इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए सू ची ने कहा, मैं उम्मीद करती हूं कि मैं इस निमंत्रण को स्वीकार करने में बहुत देर नही करूंगी। सिदोनिया होटल में बैठक से बाहर आने पर सू ची ने उनके तथा उनके माता पिता के पंडित जवाहर लाल नेहरू और उनके परिवार के बीच घनिष्ठ संबंधों को याद किया। प्रोटोकाल के अनुसार 66 वर्षीय सू ची इसी होटल में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करने आयी थीं।
सू ची ने कहा, भारत और बर्मा केवल अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण दोस्त नहीं हैं बल्कि उनकी यह दोस्ती साझा मूल्यों, विरासत तथा आजादी के संघर्ष पर आधारित है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने सू ची के प्रति बेहद सम्मान प्रदर्शित करते हुए कहा कि उनके संघर्ष और प्रतिबद्धता ने पूरी दुनिया में लाखों लोगों को प्रेरित किया है। सिंह ने कहा, हमें भारत में उनके (सू ची) तथा उनके परिवार के साथ दीर्घकालिक संबंधों पर बेहद गर्व है।
नई दिल्ली के साथ सू ची के निजी रिश्ते हैं क्योंकि 1960 के दशक में वहां स्थित कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मेरी स्कूल और लेडी श्रीराम कालेज में उनकी पढ़ाई हुई थी। उन्होंने कहा, खास तौर पर मुझे पंडित जवाहरलाल नेहरू की याद है। उन्होंने कहा, भारत में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष उसी दौर में हुआ जब बर्मा अपनी आजादी के लिए जूझ रहा था। मेरे अभिभावक पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा अन्य भारतीय नेताओं के गहरे प्रशंसक थे लेकिन हम खास तौर पर पंडितजी के करीब थे क्योंकि जब मैं बहुत छोटी थी तब से ही मुझे उनके बारे में बताया जाता था।
सू ची ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिल कर उन्हें बहुत खुशी हुई और मैं इस बात से बेहद अभिभूत हूं कि उन्होंने अपनी व्यस्तता के बावजूद मुझे मिलने के लिए समय निकाला। सिंह ने कहा, मैंने उन्हें (सू ची को) भारत आने का न्यौता दिया है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि वह जल्द ही भारत आएंगी। इस सिलसिले में मैंने उन्हें अत्यंत प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल लेक्चर में भाषण देने का आमंत्रण दिया। आमंत्रण पत्र सोनिया गांधी ने लिखा है। वर्ष 1993 में भारत ने सू ची को ‘‘जवाहरलाल नेहरू अवॉर्ड फॉर पीस एंड इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग’’ से सम्मानित करने के लिए चुना था लेकिन वह 1988 में म्यांमार वापसी के बाद से सैन्य शासन द्वारा नजरबंद कर दी गई थीं जिसकी वजह से वह यह सम्मान नहीं ले सकी थीं। उन्हें पिछले साल रिहा किया गया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 29, 2012, 21:39