Last Updated: Sunday, March 10, 2013, 14:24

यांगून : म्यांमार की विपक्षी पार्टी ने अपनी पहली ऐतिहासिक कांग्रेस में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू ची को आज फिर से नेता नियुक्त किया। पार्टी को 2015 में होने वाले चुनाव में विजय मिलने की उम्मीद है। लंबे समय तक राजनीतिक कैदी रहीं सू ची पिछले वर्ष संसद की सदस्य बनी थीं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की 120 सदस्यीय केंद्रीय समिति ने सर्वसम्मति से सू ची को प्रमुख चुना।
इस सम्मेलन के लिए सू ची की पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ता राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन करते हुए यांगून आए हैं। बैठक में पार्टी की चुनौतियों का भी खुलासा हुआ। इनमें अनुभव की कमी और आंतरिक गुटबाजी आदि शामिल हैं। इस वजह से चार सदस्यों के बैठक में शामिल होने पर रोक लगा दी गयी थी। इन सदस्यों पर मतदान को प्रभावित करने का आरोप था।
सू ची ने अपनी पार्टी से अनुरोध किया कि वह इस मौके का फायदा उठाए। उल्लेखनीय है कि देश में 2015 में चुनाव होने हैं और उम्मीद की जा रही है कि अगर चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष हुए तो सू ची की पार्टी को बड़ी जीत मिल सकती है।
उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि देश के भले के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कहना चाहूंगी कि आप निजी भावनाओं को देश का भविष्य प्रभावित करने की इजाजत नहीं दें।’’ म्यामां में नयी सुधारवादी सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर सुधार शुरू किए जाने के बाद देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी एक बार राजनीतिक मुख्यधारा में आयी है। हालांकि कई पर्यवेक्षकों को इस बात का संदेह है कि सू ची की पार्टी निर्धन राष्ट्र का शासन चला सकेगी जहां पूर्ववर्ती भ्रष्ट सैन्य सरकारों के कारण अर्थव्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य बदहाल स्थिति में है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 10, 2013, 14:24