Last Updated: Tuesday, December 6, 2011, 11:01
वाशिंगटन : पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी मंसूर एजाज ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) सरकार के नियंत्रण में नहीं है और यह अफगानिस्तान के राजनीतिक मामलों में दखल दे रही है।
एजाज ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान में चुनाव परिणामों में छेड़छाड़ कर राजनीतिक मंच तैयार करने में खुफिया एजेंसी की संलिप्तता के पक्ष में पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। एजाज ने कहा कि आईएसआई हक्कानी नेटवर्क के जरिए अफगानिस्तान के राजनीतिक मामलों में भी दखल दे रही है।
एजाज ने कहा कि आईएसआई में दो महत्वपूर्ण शाखाएं हैं। एक शाखा को ‘सी टी’ कहते हैं, जो आतंकवाद निवारण के लिए है और दूसरी शाखा रणनीतिक है, जिसे ‘एस’ कहते हैं। ये दोनों शाखाएं दूसरे देशों में राजनीतिक हस्तक्षेपों से लेकर सबकुछ करती हैं। जैसे कि अफगानिस्तान में वे हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के जरिए यह काम कर रही हैं। एजाज ने कहा कि वे खुद अपने देश में ढेर सारे राजनीतिक हस्तक्षेप करती हैं।
एजाज ने आगे कहा कि आईएसआई राज्य का एक ऐसा अंग है, जिस पर कोई भी नियंत्रण नहीं रख सकता। महत्वपूर्ण बात यह कि यह एक ऐसा अंग है, जिसे सेना और खुफिया एजेंसियां समन्वय स्थापित करने या बाधा डालने के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। वह काम, जो कि पाकिस्तान में सरकार का राजनीतिक पक्ष, और सरकारों का नागरिक पक्ष करता है। गुप्त संदेश का खुलासा करने वाले उनके लेख के प्रभाव के बारे पूछे जाने पर, एजाज ने कहा कि मेरे विचार से हमारे पूरे जीवन में वह समय कभी नहीं आएगा, जब सेना नागरिक सरकार के अधीन होगी। यह बदलाव आने में तीन से चार दशक लग सकते हैं।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 6, 2011, 17:57