Last Updated: Thursday, March 28, 2013, 18:34

वाशिंगटन : ओसामा बिन लादेन के खात्मे के करीब दो साल हो चुके हैं, लेकिन इस बात को लेकर फिर से रहस्य गहरा गया है कि आखिर दुनिया का सबसे खूंखार दहशतगर्द किसकी गोलियों का निशाना बना।
ओसामा के मारे जाने के बारे में जो नई बात सामने आई है, वह नेवी सील के एक जवान के इस दावे के बिल्कुल उलट है कि उसने ओसामा पर सबसे पहले गोली चलाई थी। ‘एस्क्वायर’ पत्रिका ने फरवरी में सील के इस जवान का साक्षात्कार प्रकाशित किया था। खुद को ‘द शूटर’ बताने वाले इस शख्स ने कहा कि उसने एक मई, 2011 की रात को अलकायदा सरगना को दो गोलियां मारी थीं।
इस कमांडो ने कहा कि जब वह ऐबटाबाद स्थित ओसामा के ठिकाने की तीसरी मंजिल के कमरे में दाखिल हुआ तो अकेला था। परंतु सीएनएन के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ पीटर बर्गेन ने इस दावे को खारिज कर दिया। बर्गेन ने छह सदस्यीय सील टीम का साक्षात्कार किया है। उन्होंने कहा कि उस वक्त 23 सदस्यीय सील का दल ऐबटाबाद में ओसामा के ठिकाने पर पहुंचा था। इनमें से तीन जवान सबसे पहले उस ठिकाने की आखिरी मंजिल पर गए। इनमें ही ‘द शूटर’ और ‘द प्वाइंट मैन’ शामिल थे।
उन्होंने कहा कि तीसरा जवान मैट बिसोनेट था जिसने ‘नो इजी डे’ नाम से इसी घटना को लेकर एक पुस्तक लिखी है। बिसोनेट ने यह पुस्तक मार्क ओवेन के छद्म नाम से लिखी है। बर्गेन ने कहा कि सबसे पहले ‘द प्वाइंट मैन’ सीढ़ियों से चढ़ा और ओसामा को गोली मारी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 28, 2013, 17:27